National Science Day 2025: सपनों को हकीकत में बदलने वाली कुंजी है विज्ञान?, नए-नए आविष्कार

By योगेश कुमार गोयल | Updated: February 28, 2025 05:40 IST2025-02-28T05:40:19+5:302025-02-28T05:40:19+5:30

National Science Day 2025: केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने से पूरी दुनिया की भलाई के लिए चुनौतियों का समाधान करने में मदद मिलेगी और विज्ञान के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने के महत्व पर जोर दिया जाएगा.

National Science Day celebrated February 28 Science is key to turning dreams into reality blog Yogesh Kumar Goyal new inventions | National Science Day 2025: सपनों को हकीकत में बदलने वाली कुंजी है विज्ञान?, नए-नए आविष्कार

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Highlightsनई-नई कोशिकाओं के निर्माण में भी सफलता प्राप्त कर ली गई है.देश में पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था. बीमारियों का इलाज तो मामूली सी गोलियों से ही हो जाता है.

National Science Day 2025: आज का युग विज्ञान का युग है, जहां मनुष्य कम-से-कम मेहनत करके ज्यादा-से-ज्यादा सुख-सुविधाएं पाने की ख्वाहिश रखता है. अपनी इन्हीं सब ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए उसने जो नए-नए आविष्कार किए हैं, सब विज्ञान की ही देन हैं. ऐसे ही अनगिनत आविष्कारों के कारण आधुनिक युग में मानव जीवन पहले से बहुत ज्यादा आरामदायक हो गया है. बिजली की खोज हो या यातायात के साधनों का दुनियाभर में बिछा जाल, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कृषि क्षेत्र इत्यादि आज लगभग हर क्षेत्र में विज्ञान का बोलबाला है. चिकित्सा के क्षेत्र में तो इसी विज्ञान ने ऐसी क्रांतिकारी खोजें की हैं कि अब कई असाध्य मानी जाती रही बीमारियों का इलाज तो मामूली सी गोलियों से ही हो जाता है. यहां तक कि नई-नई कोशिकाओं के निर्माण में भी सफलता प्राप्त कर ली गई है.

भारतीय समाज में विज्ञान से होने वाले लाभों और विज्ञान के जरिये लोगों में जागरूकता लाने, युवाओं में वैज्ञानिक सोच पैदा करने और छात्रों को बतौर करियर विज्ञान को चुनने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में एक निर्धारित थीम के जरिये ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ मनाया जाता है.

इस वर्ष विज्ञान दिवस की थीम है ‘विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना’. इस विषय का उद्देश्य राष्ट्र के विकास के लिए विज्ञान और नवाचार के भविष्य को आकार देने में युवा भारतीय दिमाग की भूमिका को उजागर करना है. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने से पूरी दुनिया की भलाई के लिए चुनौतियों का समाधान करने में मदद मिलेगी और विज्ञान के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने के महत्व पर जोर दिया जाएगा.

देश में पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था. दरअसल राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने वर्ष 1986 में केंद्र सरकार को 28 फरवरी का दिन ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाए जाने का सुझाव दिया था, जिसके बाद सरकार द्वारा उसी वर्ष यह प्रस्ताव स्वीकार करते हुए 28 फरवरी का दिन ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई.

इस दिवस के माध्यम से युवाओं को विज्ञान के प्रति आकर्षित एवं प्रेरित करते हुए जनसाधारण को विज्ञान तथा देश की वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाने का प्रयास किया जाता है. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस महान् वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन की स्मृति में मनाया जाता है.

उनकी उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज ‘रमन प्रभाव’ (रमन इफेक्ट) को चिह्नित करने और विज्ञान की गति को तेज करने के लिए लोगों के दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व और इसके अनुप्रयोग का प्रसार करने के उद्देश्य से इस दिवस की रूपरेखा बनाई गई. सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने रमन इफेक्ट की खोज 28 फरवरी 1928 को की थी, जिसके लिए उन्हें भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में वर्ष 1930 का नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया था.

Web Title: National Science Day celebrated February 28 Science is key to turning dreams into reality blog Yogesh Kumar Goyal new inventions

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