ब्लॉग: आतंकवाद को मात देने के लिए एकजुटता है बड़ी ताकत

By योगेश कुमार गोयल | Published: May 20, 2023 01:51 PM2023-05-20T13:51:57+5:302023-05-20T13:55:22+5:30

आतंकवाद विरोधी दिवस प्रत्येक वर्ष 21 मई को मनाया जाता है। ये दिन आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धाजंलि देने के लिए होता है।

National Anti Terrorism Day 2023 Solidarity is a great force to defeat terrorism | ब्लॉग: आतंकवाद को मात देने के लिए एकजुटता है बड़ी ताकत

फाइल फोटो

Highlightsआतंकवाद के कारण भारत में कई लोगों की गई जान आतंकवाद विरोधी दिवस प्रत्येक वर्ष 21 मई को मनाया जाता हैये दिन आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धाजंलि देने के लिए होता है

भारत पिछले कई वर्षों से आतंकवाद का खामियाजा भुगत रहा है, जिसके चलते अब तक हजारों लोग बेमौत मारे जा चुके हैं, अनेक परिवार तबाह हो चुके हैं, बच्चे अनाथ हुए हैं, बहुत सी माएं-बहनें विधवा हो गईं तो कहीं बुजुर्गों के बुढ़ापे की लाठी इसी आतंकवाद ने छीन ली।

ऐसी वहशी घटनाओं को अंजाम देने वालों को इससे कोई सरोकार नहीं होता कि उनके ऐसे कृत्यों से कितने हंसते-खेलते परिवार एक ही झटके में बर्बाद हो जाते हैं।

उन्मादी सोच वाले विवेकशून्य आतंकी अपने आकाओं के जहरीले इशारों पर न जाने हर साल कितने बेकसूर लोगों को मौत की नींद सुला देते हैं।आतंकियों का एकमात्र लक्ष्य किसी भी प्रकार का खूनखराबा करके आम लोगों के मन में भय पैदा करना ही होता है।

 उनका इससे कोई सरोकार नहीं होता कि मरने वालों में कोई दुधमुंहा बच्चा है या वे किसी अबोध बच्चे को अनाथ बना रहे हैं। आतंकवाद की इसी भयानक समस्या से निपटने के लिए भारत द्वारा 21 मई का दिन ‘राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस’ के रूप में मनाया जाने लगा।

आतंकवाद विरोधी दिवस वास्तव में उन लोगों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आतंकवादी हमलों में अपनी जान गंवाई और यह दिवस उन हजारों सैनिकों के बलिदान का सम्मान भी करता है, जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

 इसकी आधिकारिक घोषणा 21 मई 1991 को भारत के सातवें प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद की गई थी, जो लिट्टे के एक आतंकवादी अभियान के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में मारे गए थे।

राजीव गांधी श्रीपेरंबदूर में एक रैली को संबोधित करने गए थे, जहां लिट्टे से संबंधित एक महिला आतंकी अपने कपड़ों में विस्फोटक छिपाकर उनके पैर छूने के बहाने नीचे झुकी तो जबरदस्त बम धमाके में राजीव गांधी सहित करीब 25 लोगों की मौत हो गई थी।

राजीव गांधी की हत्या के बाद तत्कालीन वी.पी. सिंह सरकार द्वारा 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इस दिवस को मनाने का कारण है कि देश में आतंकवाद, हिंसा के खतरे और उनके समाज, लोगों तथा देश पर पड़ने वाले खतरनाक असर के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाए।

 शांति व मानवता का संदेश फैलाना, लोगों के बीच आपसी सद्भाव का बीजारोपण कर उनमें एकता को बढ़ावा देना, युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के पथ से दूर रखना आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य है।

Web Title: National Anti Terrorism Day 2023 Solidarity is a great force to defeat terrorism

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