शशिधर खान का ब्लॉग: लोकपाल अब सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की फांस
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 16, 2019 08:25 AM2019-03-16T08:25:58+5:302019-03-16T08:25:58+5:30
ताजा अवमानना नोटिस का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अटॉर्नी जनरल क़े के. वेणुगोपाल को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने लोकपाल नियुक्ति के लिए चयन समिति की तारीख बताने को कहा है.
बहुप्रचारित और बहुविवादित लोकपाल गठन/चयन पर उल्लेखनीय इतना ही है कि अभी तक सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के सिवाय कुछ नहीं हुआ. भाजपा नेतृत्ववाली राजग सरकार ने इस संबंध में शीर्ष कोर्ट की अवमानना नोटिसों के जवाब में ङिाड़कियां/फटकार सुनने में पूरे पांच साल गुजार दिए.
ताजा अवमानना नोटिस का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अटॉर्नी जनरल क़े के. वेणुगोपाल को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने लोकपाल नियुक्ति के लिए चयन समिति की तारीख बताने को कहा है. इसी हफ्ते सरकार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी देनी है.
जनवरी के अंत में लोकपाल खोज समिति गठित करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया. वो भी बार-बार की अवमानना से नाराज होकर दिया गया आदेश था. एक महीने के अंदर सरकार को लोकपाल खोज समिति के सदस्यों और लोकपाल के लिए उपयुक्त व्यक्ति का नाम सुझाने को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था. पहले की ही तरह अटॉर्नी जनरल ने आदेश सुना, सरकार को बताया और सरकार ने चुनाव तैयारियों के आगे लोकपाल चयन प्रक्रिया को कोई महत्व नहीं दिया. सात मार्च को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने केंद्र सरकार को चयन समिति की तारीख 10 दिन के अंदर बताने को कहा.
विगत एक महीने में पता नहीं चल पाया कि लोकपाल खोज कमेटी की बैठक हुई या नहीं और इस पद के लिए नाम पर कोई सहमति बनी या नहीं. अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि खोज कमेटी ने अपनी सिफारिशें भेज दी हैं. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अवमानना की अर्जी दी, तब केंद्र ने यह जानकारी कोर्ट को दी. सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ के सामने अटॉर्नी जनरल के. क़े वेणुगोपाल ने कहा कि तीन खोज समितियों ने प्रत्याशियों के नाम 28 फरवरी को सरकार को भेज दिए हैं, जिनमें प्रत्येक में तीन सदस्य हैं.
इस सफाई में कितना दम है, यह तभी पता चलेगा, जब केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को चयन समिति की बैठक की तारीख बताएगी और बैठक सही सलामत हो जाएगी.