शशिधर खान का ब्लॉगः खत्म हो चुका है गोरखालैंड का मुद्दा!
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 15, 2019 06:00 AM2019-05-15T06:00:59+5:302019-05-15T06:00:59+5:30
भाजपा ने 2009 और 2014 लोकसभा चुनाव में गोरखालैंड राज्य गठन के वादे पर दार्जीलिंग सीट पर चुनाव जीता. गोरखालैंड राज्य आंदोलन से उपजे दार्जीलिंग के सबसे मजबूत संगठन गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) नेता बिमल गुरुंग की बदौलत भाजपा को यह जीत हासिल हुई.
शशिधर खान
दार्जीलिंग विधानसभा सीट के लिए 19 मई को हो रहे उपचुनाव में किस्मत आजमा रहे सारे उम्मीदवार गोरखालैंड राज्य आंदोलन की उपज हैं, मगर किसी के एजेंडे और चुनाव घोषणापत्र में अलग गोरखालैंड का मुद्दा नहीं है. ऐसा पहली बार देखा जा रहा है. दार्जीलिंग लोकसभा सीट के लिए 18 अप्रैल को हुए मतदान के समय भी गोरखालैंड राज्य गठन किसी भी पार्टी के लिए मुद्दा नहीं था.
भाजपा ने 2009 और 2014 लोकसभा चुनाव में गोरखालैंड राज्य गठन के वादे पर दार्जीलिंग सीट पर चुनाव जीता. गोरखालैंड राज्य आंदोलन से उपजे दार्जीलिंग के सबसे मजबूत संगठन गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) नेता बिमल गुरुंग की बदौलत भाजपा को यह जीत हासिल हुई.
प. बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी (दीदी) ने 2011 में सत्ता हासिल करने के बाद से गोरखालैंड राज्य आंदोलन को बैकफुट पर लाने की ठानी. दीदी अपने उद्देश्य में सफल रहीं. 2016 में दीदी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद से प. बंगाल के अन्य इलाकों में भले अशांति और अराजकता का साम्राज्य कायम हुआ हो, दार्जीलिंग से हिंसाराज समाप्त करने में दीदी को कामयाबी हासिल हुई. यह पहला उपचुनाव है, जिसमें गोरखालैंड को भुनानेवाली क्षेत्रीय पार्टियों के अधिकृत उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं हैं.
सबसे ज्यादा गौर करने लायक ये है कि गोरखालैंड राज्य आंदोलन से अपनी राजनीतिक पहचान बनानेवाले से लेकर गोरखालैंड विरोधी तृणमूल कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार ने भी निर्दलीय पर्चा भरा है. कुल नौ उम्मीदवारों में से किसी के भी चुनावी वायदे में गोरखालैंड राज्य आंदोलन को मजबूत करना नहीं है.
लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने अपने उम्मीदवार समन पाठक के समर्थन में संविधान की 6वीं अनुसूची के तहत स्वायत्तता देने का वादा किया. कांग्रेस उम्मीदवार शंकर मलाकार के समर्थन में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.
भाजपा उम्मीदवार राजू सिंह बिष्ट ने गोरखालैंड का नाम ही नहीं लिया. जीएनएलएफ नेता नीरज जिम्बा दार्जीलिंग विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार हैं, जिसका समर्थन बिमल गुरुंग कर रहे हैं. अन्य गोरखा नेता अब नरेंद्र मोदी का 2014 का वादा याद नहीं करते कि गोरखों का ‘सपना’ सिर्फ भाजपा ही ‘पूरा’ कर सकती है. मोदी और दीदी की एक-दूसरे को ‘फिनिश’ करने की मुहिम में दोनों ने गोरखालैंड मुद्दे को फिनिश कर दिया.