शोभना जैन का ब्लॉग: लाइब्रेरी मजाक नहीं विकास की राह है 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 12, 2019 08:54 PM2019-01-12T20:54:40+5:302019-01-12T20:54:40+5:30

 एक पूर्व राजनयिक के अनुसार भारत वहां कई बड़ी निर्माण परियोजनाओं को पूरा कर रहा है, साथ ही अफगानिस्तान में लोगों की जरूरतों के  अनुरूप  सामुदायिक विकास कार्यक्र मों को लागू कर रहा है।

library is key of development | शोभना जैन का ब्लॉग: लाइब्रेरी मजाक नहीं विकास की राह है 

शोभना जैन का ब्लॉग: लाइब्रेरी मजाक नहीं विकास की राह है 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड  ट्रम्प  भले ही अफगानिस्तान में भारत के लाइब्रेरी बनाने की बात पर या यूं कहें कि वहां भारत के विकास कार्यो की भूमिका को लेकर प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी  पर  तंज कसें, लेकिन अब यह इबारत साफ है कि अमेरिका 18 वर्ष के ‘अनिर्णायक अफगानिस्तान गृह युद्ध’ के बाद अंतत: आफगानिस्तान से अपनी  फौज  हटा रहा है। इस  तंज के जरिए ट्रम्प संकेत देते लगते हैं कि अफगानिस्तान में हालात सामान्य करने के लिए भारत के साथ रूस और पाकिस्तान जैसी क्षेत्नीय ताकतें अधिक सक्रिय भूमिका निभाएं। 

सितंबर 2001 में ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, कनाडा सहित नाटो के अनेक देशों के अमेरिकी नेतृत्व वाले साझा सुरक्षाबलों के गठबंधन ने अफगानिस्तान में तालिबान की उग्रपंथी सत्ता को उखाड़ फेंका  था। धीरे-धीरे गठबंधन देशों की फौज वहां से हटती गई। दरअसल अब अमेरिका भी वहां से अपना हाथ खींचना चाहता है, अपनी फौज वहां से  हटाना  चाहता  है और धीरे-धीरे हटा भी रहा है। अफगानिस्तान में घटनाक्रम तेजी से घूम रहा है, तालिबानी आतंकी हिंसा थम नहीं रही है। सवाल उठ रहे हैं कि अमेरिकी फौज हट जाने की स्थिति में क्षेत्न की सुरक्षा पर क्या असर पड़ेगा, पाकिस्तान का क्या रुख रहेगा? भारत किस तरह से इस बदलती स्थिति के लिए तैयार होगा? 

भारत और अफगानिस्तान के बीच प्रगाढ़ रिश्ते हैं और वहां की स्थिति के बारे में दोनों के बीच निकट विचार-विमर्श चलता है। इसी के चलते अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ। हमदुल्ला मोहिब ने इसी हफ्ते भारत आ कर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ अफगानिस्तान के घटनाक्र म के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया। गौर करने लायक बात यह है कि संभवत: विकास कार्यो से ज्यादा भारत की अधिक सक्रिय भूमिका की मंशा पाले ही ट्रम्प ने तंज कसा कि ‘मैं आश्चर्य में हूं कि आफगानिस्तान में  लाइब्रेरी का कौन उपयोग करेगा।’ भारत  वर्ष 2001 से अब तक अफगानिस्तान को तीन अरब डॉलर से अधिक की मदद मुहैया करा चुका है। इन प्रोजेक्ट्स में अफगान संसद के भवन निर्माण के अलावा दूरसंचार, अस्पताल, शिक्षा सहित  विभिन्न क्षेत्नों में  पुनर्निर्माण से लेकर  अन्य अनेक विकास योजनाएं चल रही हैं। हर साल एक हजार अफगानी बच्चों को भारत में स्कॉलरशिप दी जाएगी। बड़ी तादाद में अफगान नागरिक भारत में चिकित्सा कराने के लिए आते हैं।

 एक पूर्व राजनयिक के अनुसार भारत वहां कई बड़ी निर्माण परियोजनाओं को पूरा कर रहा है, साथ ही अफगानिस्तान में लोगों की जरूरतों के  अनुरूप  सामुदायिक विकास कार्यक्र मों को लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह का सहयोग देश को आर्थिक रूप से समृद्ध और स्थिर करने के लिए जारी रहेगा। अफगानिस्तान को बदलने में विकास संबंधी सहयोग बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

Web Title: library is key of development

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