ब्लॉग: कारगिल विजय दिवस- विपरीत परिस्थितियों में भारतीय सेना ने दी थी दुश्मन को मात
By प्रो. संजय द्विवेदी | Published: July 26, 2023 02:53 PM2023-07-26T14:53:21+5:302023-07-26T14:53:46+5:30
कारगिल युद्ध: करीब 2 महीने तक ये युद्ध चला और जुलाई के अंतिम सप्ताह में जाकर खत्म हुआ. 14 जुलाई को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ऑपरेशन विजय की जीत की घोषणा की.
रंजना मिश्रा
26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की. इस दिन को हर साल कारगिल विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है. करीब 2 महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है, जिस पर हर देशवासी को गर्व है. लगभग 18 हजार फुट की ऊंचाई पर लड़ी गई कारगिल की इस जंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी फौज को हराकर वीरता की मिसाल कायम की थी.
90 के दशक में भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तमाम गिले-शिकवे भुलाकर, पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध स्थापित करने की चाहत में पाकिस्तान से आपसी सौहार्द्र बनाना चाहते थे. 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अमन और भाईचारे की बस लेकर लाहौर रवाना हुए लेकिन पाकिस्तान को भला अमन-चैन कहां पसंद है. इधर अटल बिहारी वाजपेयी दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे थे तो उधर पाकिस्तान कारगिल जंग की तैयारी पूरी कर रहा था.
आतंकवादियों के वेश में पाकिस्तानी सेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल के पास कारगिल सेक्टर में कई भारतीय चोटियों पर कब्जा कर लिया. लेकिन इसकी भनक पड़ते ही भारतीय सेना के वीर जवान पाकिस्तान को एक बार फिर से मुंह तोड़ जवाब देने के लिए उठ खड़े हुए.
घुसपैठियों की संख्या और फैलाव को देखते हुए भारतीय सेना ने 14 मई 1999 को ऑपरेशन फ्लैशऑउट शुरू किया. हालात की गंभीरता को देखते हुए भारतीय वायु सेना भी इस अभियान में शामिल हुई. इस युद्ध के दौरान भारतीय थल सेना ने अपने अभियान को ऑपरेशन विजय, जल सेना ने ऑपरेशन सफेद सागर और वायु सेना ने ऑपरेशन तलवार का नाम दिया.
करीब 2 महीने तक ये युद्ध चला और जुलाई के अंतिम सप्ताह में जाकर खत्म हुआ. 14 जुलाई को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ऑपरेशन विजय की जीत की घोषणा की. 26 जुलाई 1999 तक भारतीय सेना ने सभी पाकिस्तानी घुसपैठियों और सैनिकों को भारतीय सीमा से बाहर खदेड़ दिया. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस दिन को विजय दिवस के तौर पर मनाने का आह्वान किया.