जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉगः कोरोना टीकाकरण में शोध, नवाचार की भूमिका

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 23, 2021 09:32 AM2021-10-23T09:32:15+5:302021-10-23T09:32:24+5:30

यह बात महत्वपूर्ण है कि किसी देश में शोध एवं नवाचार की स्थिति के आधार पर उस देश में विभिन्न देशों के उद्यमी और कारोबारी अपने उद्योग-कारोबार शुरू करने संबंधी निर्णय लेते हैं।

jayantilal bhandari blog role of research innovation in corona vaccination | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉगः कोरोना टीकाकरण में शोध, नवाचार की भूमिका

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉगः कोरोना टीकाकरण में शोध, नवाचार की भूमिका

21 अक्तूबर को भारत ने कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ डोज लगाने का अहम पड़ाव हासिल कर लिया है। प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि देश को शताब्दी की सबसे बड़ी महामारी से बचाने के लिए 100 करोड़ खुराकों का सुरक्षा कवच देने में भारतीय विज्ञान, नवाचार और स्वास्थ्य कर्मियों ने अहम भूमिका निभाई है। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बिल गेट्स ने कहा कि कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए टीके के निर्माण में भारतीय वैज्ञानिकों की शोध और नवाचार की भूमिका बेहतरीन रही है।

उल्लेखनीय है कि 25 सितंबर को यूएनजीए के 76वें सत्न को संबोधित करते हुए भी प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विज्ञान आधारित दृष्टिकोण को मजबूत करने के लिए भारत नवाचार को लगातार बढ़ावा दे रहा है। भारत ने अपने सीमित संसाधनों से नवाचार को बढ़ावा देते हुए कोरोना टीके को शीघ्रतापूर्वक विकसित किया। जहां देश के करोड़ों लोगों के टीकाकरण में जोरदार सफलता हासिल की है, वहीं भारत ने 100 से अधिक जरूरतमंद देशों को कोरोना टीकों का निर्यात भीकिया है।

पिछले पांच वर्षो में भारत वैश्विक स्तर पर शोध एवं नवाचार के क्षेत्न में तेजी से आगे बढ़ा है। विगत 20 सितंबर को विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) द्वारा जारी वैश्विक नवाचार सूचकांक (ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स-जीआईआई) 2021 में भारत दो पायदान ऊपर उठकर 46वें स्थान पर पहुंच गया है। इसके पहले भारत जीआईआई, 2020 में 48वें स्थान पर तथा 2019 में 52वें स्थान पर था। इस इंडेक्स में पांच वर्ष पहले भारत 81वें स्थान पर था। इसी तरह ब्लूमबर्ग के द्वारा प्रकाशित की गई 135 देशों की वैश्विक नवाचार रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग ऊंची हुई है। नवाचार की ये वैश्विक रिपोर्टे जिन मापदंडों पर तैयार की गई हैं, उनमें देश में कार्यरत शोध संस्थाओं की गुणवत्ता, आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, ज्ञान पूंजी, डिजिटल सुविधाएं, स्टार्टअप के लिए अनुकूलताएं, मानव संसाधन विकास, कारोबारी विशेषज्ञता, सरकार की प्रभावशीलता, घरेलू कारोबार में सरलता आदि को ध्यान में रखा गया है।
केंद्रीय कृषि मंत्नी नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक पिछले छह-सात वर्षो में कृषि से संबंधित चुनौतियों के समाधान के लिए भारत ने जिस तरह विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया, उससे भारत कृषि विकास की डगर पर तेजी से आगे बढ़ा है। अब देश के ग्रामीण क्षेत्नों में जिस तरह नवाचार के आधार पर ड्रोन से भूखंडों का सर्वेक्षण कराकर उनके मालिकों को संपत्ति का स्वामित्व सौंपकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की स्वामित्व योजना कार्यान्वित की जा रही है, उससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई शक्ति मिलेगी। इसमें कोई दो मत नहीं है कि कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्न में बढ़ते शोध, नवाचार, मैपिंग, इमेजिंग और कनेक्टिविटी के अभूतपूर्व परिणाम मिलेंगे।

यह बात महत्वपूर्ण है कि किसी देश में शोध एवं नवाचार की स्थिति के आधार पर उस देश में विभिन्न देशों के उद्यमी और कारोबारी अपने उद्योग-कारोबार शुरू करने संबंधी निर्णय लेते हैं। पूरी दुनिया के विभिन्न देशों की सरकारें भी ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स को ध्यान में रखकर अपने वैश्विक उद्योग-कारोबार के रिश्तों के लिए नीति बनाने की डगर पर बढ़ती हैं। भारत में इंटरनेट ऑफ थिंग्स, कृत्रिम बुद्धिमता और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्नों में शोध और विकास और जबरदस्त स्टार्टअप माहौल के चलते अमेरिका, यूरोप और एशियाई देशों की बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने ग्लोबल इन हाउस सेंटर (जीआईसी) तेजी से शुरू करते हुए दिखाई दे रही हैं। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स के तेजी से बढ़ने से भारत में ख्याति प्राप्त वैश्विक फाइनेंस और कॉमर्स कंपनियां अपने कदम तेजी से बढ़ा रही हैं। इससे भारतीय बाजार चमकीला होता जा रहा है। साथ ही भारत से कई विकसित और विकासशील देशों के लिए कई काम बड़े पैमाने पर आउटसोर्सिग पर हो रहे हैं। इससे विदेशी मुद्रा की कमाई बढ़ रही है। पूरी दुनिया में मेड इन इंडिया और ब्रांड इंडिया की चमकीली पहचान बन रही है। इससे भारत में प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ रहा है और रोजगार के चमकीले मौके बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं, शोध एवं नवाचार बढ़ने से देश में लगातार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वृद्धि हो रही है। वर्ष 2020-21 में भारत में 59।64 अरब डॉलर का रिकॉर्ड एफडीआई आया है।

यदि हम चाहते हैं कि अब भारत शोध, नवाचार और एआई की बढ़ती हुई शक्ति से विज्ञान, तकनीकी विकास, मानव कल्याण, कृषि, उद्योग, कारोबार आदि के क्षेत्न में और तेजी से आगे बढ़े तो हमें कई बातों पर ध्यान देना होगा। नवाचार में आगे बढ़ने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट के विभिन्न आयामों पर ध्यान देना होगा। भारत में आरएंडडी पर खर्च की राशि जीडीपी के एक फीसदी से भी कम है। इसे बढ़ाना होगा। हमें ध्यान देना होगा कि कोविड-19 के कारण घर लौटी भारतीय वैज्ञानिक एवं तकनीकी दक्षता वाली प्रतिभाओं की मदद एआई, शोध एवं नवाचार में ली जाए। भारतीय उद्योगों को वैश्विक स्तर पर ऊंचाई देने के लिए उद्योगों को नए आविष्कारों, खोज से परिचित कराने के मद्देनजर सीएसआईआर, डीआरडीओ और इसरो जैसे शीर्ष संस्थानों की भूमिका को महत्वपूर्ण बनाना होगा। हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी विकास के क्षेत्न में व्यापक सुधार के लिए तेजी से आगे बढ़ना होगा।
हम उम्मीद करें कि 100 करोड़ कोरोना टीकाकरण के कीर्तिमान में भारतीय वैज्ञानिकों व तकनीशियनों के द्वारा किए गए शोध एवं नवाचार की जो प्रभावी भूमिका रही है, वैसी शोध एवं नवाचार की चमकीली भूमिका कृषि एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, उद्योग कारोबार सहित विभिन्न क्षेत्नों में और तेजी से आगे बढ़ते हुए दिखाई देगी।
 

Web Title: jayantilal bhandari blog role of research innovation in corona vaccination

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