जम्मू-कश्मीर के 8 लाख युवा नौकरी के लिए कतार में पर केंद्र 22 हजार पद ही तलाश पाया है!
By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 20, 2021 04:35 PM2021-03-20T16:35:10+5:302021-03-20T16:37:32+5:30
जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में ऐसे युवा हैं जिन्हें अभी रोजगार की तलाश है. हालांकि, सकार सिर्फ 22 हजार पदों को ही चिन्हित कर पाई है
जम्मू कश्मीर के लिए ये एक विडम्बना ही है कि जिस बेरोजगारी को जम्मू कश्मीर में फैले आतंकवाद का मूल कारण बताया जाता रहा है, वह अभी भी मुंह बाए खड़ी है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में 8 लाख से ज्यादा युवा नौकरी के लिए कतार में हैं पर नौकरियां कहीं दिख नहीं रही हैं।
केंद्र सरकार ने लोकसभा में भी ये माना है कि प्रदेश में 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिए जो के बाद अभी तक कहीं भी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। साथ ही केंद्र सकार सिर्फ 22 हजार पदों को ही चिन्हित कर पाई है, किसी को भर्ती नहीं कर पाई है।
ऐसा भी नहीं है कि जम्मू कश्मीर के युवा सिर्फ प्रदेश या केंद्र सरकार द्वारा चिन्हित किए गए पदों पर ही भर्ती होने के इच्छुक हों बल्कि प्रदेश के युवाओं की पसंद सेना भी है।
यही कारण था कि हाल ही में सेना के भर्ती अभियानों में एक लाख से अधिक युवाओं ने शिरकत की थी। वहीं, चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए चार लाख से अधिक युवाओं ने 27 फरवरी को परीक्षा भी दी थी।
सेना मे भर्ती होना पहले गांवों के युवाओं की पहली पसंद होती थी पर अब बेरोजगारी के कारण शहरी युवा भी इस ओर मुड़ने लगे हैं। यह भी आश्चर्य की बात है कि जो कश्मीरी युवक अभी तक सेना में भर्ती होने के अनिच्छुक थे वे भी अब सेना व अन्य सुरक्षाबलों में जाने को आतुर दिख रहे हैं।
इन सबके बावजूद प्रतिवर्ष बेरोजगारों की फौज बढ़ती जा रही है। डेढ़ साल से केंद्र सरकार द्वारा सिर्फ 22 हजार पदों को सिर्फ चिन्हित ही किए जाने की धीमी रफ्तार से लोगों में नाराजगी है। इसी नाराजगी को लेकर राजनीतिक पंडित कई बार चेताते भी रहे हैं।