ब्लॉगः जम्मू-कश्मीर में बदल रहा है निवेश और कारोबार का माहौल, जानें राज्य में कितने आए निवेश

By अवधेश कुमार | Published: March 25, 2023 04:07 PM2023-03-25T16:07:19+5:302023-03-25T16:07:51+5:30

यह इस बात का प्रमाण है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद की बदली परिस्थितियों में जम्मू-कश्मीर की ओर भी विदेशी निवेश जा रहा है। अगर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की बात मानी जाए तो नई औद्योगिक नीति आने के 22 महीनों में 5000 से अधिक देसी व विदेशी कंपनियों के निवेश मिले हैं।

Investment and business environment is changing in Jammu and Kashmir | ब्लॉगः जम्मू-कश्मीर में बदल रहा है निवेश और कारोबार का माहौल, जानें राज्य में कितने आए निवेश

ब्लॉगः जम्मू-कश्मीर में बदल रहा है निवेश और कारोबार का माहौल, जानें राज्य में कितने आए निवेश

जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों श्रीनगर के सेमपोरा में विदेशी निवेश से निर्मित होने वाले एक मॉल का शिलान्यास किया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 250 करोड़ रुपए की लागत वाले मॉल की आधारशिला रखी। सामान्यतः किसी मॉल की आधारशिला बहुत बड़ा समाचार नहीं हो सकता। सच कहें तो कई राज्यों के लिए यह समाचार होगा ही नहीं। किंतु जम्मू-कश्मीर के मामले में ऐसा नहीं है। जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत बड़ी घटना है। यह श्रीनगर ही नहीं विदेशी पूंजी से बनने वाला प्रदेश का पहला मॉल होगा। इसे 2026 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है। यह इस बात का प्रमाण है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद की बदली परिस्थितियों में जम्मू-कश्मीर की ओर भी विदेशी निवेश जा रहा है। अगर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की बात मानी जाए तो नई औद्योगिक नीति आने के 22 महीनों में 5000 से अधिक देसी व विदेशी कंपनियों के निवेश मिले हैं। एक आंकड़ा यह बताता है कि हर दिन 8 कंपनियां जम्मू-कश्मीर में निवेश करने की इच्छा जता रही हैं।

यह सच है कि वहां नए उद्योग आरंभ हो रहे हैं। उदाहरण के लिए पिछले महीने ही 45 उद्योग शुरू होने के दावे वाले समाचार आए। वर्ष 2022 तक प्रदेश प्रशासन द्वारा 1,600 निवेशकों को संसाधन और भूमि आवंटित किए जाने का समाचार था। इनमें से 800 निवेशकों द्वारा सरकार के पास आवश्यक धनराशि जमा करने के साथ 110 पर काम शुरू कर दिया गया। विरोधी चाहे सरकार के दावों पर जितना प्रश्न उठाएं, हम कुछ आंकड़ों को झुठला नहीं सकते। उदाहरण के लिए 15 अगस्त, 1947 से लेकर 5 अगस्त, 2019 यानी अनुच्छेद 370 खत्म करने तक जम्मू-कश्मीर में कुल औद्योगिक निवेश 14 हजार करोड़ रुपए था। ध्यान रखिए, पूरे देश में उदारीकरण की शुरुआत 1991 में हो गई तथा उसके अनुरूप परिदृश्य बदलने लगा। जम्मू-कश्मीर इनसे पूरी तरह अछूता रहा तो इसके कारण स्पष्ट थे। 

भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर आज हर मायने में आमूल बदलाव का परिदृश्य उत्पन्न कर रहा है। एक लाख करोड़ रुपए की तो हाईवे और उससे जुड़ी अन्य परियोजनाएं चल रही हैं। रेल मार्ग के माध्यम से कश्मीर को इसी वर्ष कन्याकुमारी से जोड़ दिए जाने पर तेजी से काम चल रहा है। जम्मू-कश्मीर रेल मार्ग के मामले में इतनी तेजी से प्रगति करेगा इसकी कल्पना शायद ही की गई हो। हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण हुआ है। इन सबसे निवेशकों के अंदर विश्वास पैदा हुआ है। निवेश के वायदे जैसे-जैसे जमीन पर आगे बढ़ेंगे, यह विश्वास और सशक्त होगा। सरकार के साथ उद्योगपतियों कारोबारियों का भी दायित्व है कि वे वातावरण बदलने में अपने सक्रिय भूमिका के साथ सहयोग करें।

Web Title: Investment and business environment is changing in Jammu and Kashmir

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