विजय की लहरों पर सवार भारतीय नौसेना

By योगेश कुमार गोयल | Updated: December 4, 2025 07:02 IST2025-12-04T07:02:58+5:302025-12-04T07:02:58+5:30

चार दिसंबर को मनाया जाने वाला ‘भारतीय नौसेना दिवस’ देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने वाले उन वीरों को सलाम है, जिन्होंने युद्ध-काल में देश के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए बुलंद हौसला और अदम्य साहस दिखाया.

Indian Navy Day 2025 Indian Navy riding high on victory Blog Yogesh Kumar Goyal | विजय की लहरों पर सवार भारतीय नौसेना

विजय की लहरों पर सवार भारतीय नौसेना

चार दिसंबर को मनाया जाने वाला ‘भारतीय नौसेना दिवस’ देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने वाले उन वीरों को सलाम है, जिन्होंने युद्ध-काल में देश के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए बुलंद हौसला और अदम्य साहस दिखाया. 1971 के भारत-पाक युद्ध में ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान नौसेना द्वारा दिखाए गए अद्वितीय सैन्य कौशल, रणनीति और जीत ने भारत को समुद्र पर एक नई ताकत दी. उसी विजय दिवस को स्मरण करते हुए हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है. 1971 के ऑपरेशन ट्राइडेंट से मिली ऐतिहासिक विजय ने यह सिद्ध किया कि भारत न केवल समुद्र की लहरों को पढ़ता है बल्कि उन्हें नियंत्रित भी करता है. आज की नौसेना स्वदेशी तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पनडुब्बियों, विमानवाहक पोतों और बहु-क्षेत्रीय क्षमताओं के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा की गारंटी बन चुकी है. 


भारतीय नौसेना दिवस की तारीख 4 दिसंबर इसलिए तय हुई क्योंकि 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उसी दिन रात में ऑपरेशन ट्राइडेंट शुरू हुआ था. भारतीय नौसेना ने इस मिशन के अंतर्गत कराची हार्बर (पाकिस्तान) पर हमला कर पाकिस्तानी नौसेना के कई जहाजों और ऑयल-स्टोरेज टैंकों को ध्वस्त कर दिया था. इस हमले में पाकिस्तान के प्रमुख जहाजों में शामिल पीएनएस खैबर को नष्ट किया गया. यह भारत द्वारा पहली बार जहाज से मार करने वाली एंटी-शिप मिसाइलों का प्रयोग था. इस हमले ने पाकिस्तान की समुद्री रसद और नौसैनिक शक्ति की रीढ़ को तोड़ दिया था और कराची पोर्ट पर भारी क्षति पहुंचाई थी, जिससे पाकिस्तान की समुद्री आपूर्ति, रसद और युद्ध-क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई. यही युद्ध-कौशल, रणनीति और निर्णायक शक्ति उस समय से भारतीय नौसेना के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हो चुकी है. इस प्रकार चार दिसंबर का दिन विजय का प्रतीक, साहस का प्रतीक, समर्पण का प्रतीक बन गया.

लगभग डेढ़ लाख प्रशिक्षित सैन्यकर्मी नौसेना की रीढ़ हैं. बेड़े में करीब 250 जहाज (सहायक पोतों सहित) और लगभग 300 एयरक्राफ्ट शामिल हैं. ऑपरेशनल फ्लीट में 2 एयरक्राफ्ट कैरियर, 1 एंफिबियस ट्रांसपोर्ट डॉक, 4 लैंडिंग शिप टैंक, 8 लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी, 13 डेस्ट्रॉयर, 17 फ्रिगेट, 2 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां, 17 कन्वेंशनल अटैक सबमरीन, 18 कॉर्वेट, 1 माइन काउंटरमेजर वेसल, 4 फ्लीट टैंकर और बड़ी संख्या में पेट्रोल वेसल व अन्य सहायक पोत शामिल हैं. स्वदेशी क्षमता के प्रतीक के रूप में आईएनएस विक्रांत ने भारतीय नौसेना की ताकत और प्रतिष्ठा दोनों को नया आयाम दिया है. भारत अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे चुनिंदा देशों की उस विशिष्ट श्रेणी में शामिल हो गया है, जो अपनी तकनीक से बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर निर्मित करने की क्षमता रखते हैं.

Web Title: Indian Navy Day 2025 Indian Navy riding high on victory Blog Yogesh Kumar Goyal

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे