ब्लॉग: मनुष्यों की उम्र घटाता जा रहा है बढ़ता वायु प्रदूषण

By ऋषभ मिश्रा | Published: November 4, 2023 11:47 AM2023-11-04T11:47:34+5:302023-11-04T11:51:07+5:30

दिल्ली में ‘एयर क्वालिटी इंडेक्स’ 418 है, तो वहीं गाजियाबाद में 265, नोएडा में 357, लखनऊ में 272, हरियाणा के हिसार में 404, जयपुर में 207 और मुंबई में 216 है। अब यदि हम कहीं जाना भी चाहें तो कहां जाएं? क्योंकि कहीं भी चले जाइए, आपको सांस लेने के लिए सिर्फ जहर ही मिलेगा।

Increasing air pollution is reducing the lifespan of humans | ब्लॉग: मनुष्यों की उम्र घटाता जा रहा है बढ़ता वायु प्रदूषण

ब्लॉग: मनुष्यों की उम्र घटाता जा रहा है बढ़ता वायु प्रदूषण

Highlightsदिल्ली में ‘एयर क्वालिटी इंडेक्स’ 418 हैगाजियाबाद में 265, नोएडा में 357, लखनऊ में 272 एक्यूआई दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से लोग ग्यारह साल नौ महीने अब कम जी रहे हैं

भारत के कई राज्यों और शहरों में वायु प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। दिल्ली में ‘एयर क्वालिटी इंडेक्स’ 418 है, तो वहीं गाजियाबाद में 265, नोएडा में 357, लखनऊ में 272, हरियाणा के हिसार में 404, जयपुर में 207 और मुंबई में 216 है। अब यदि हम कहीं जाना भी चाहें तो कहां जाएं? क्योंकि कहीं भी चले जाइए, आपको सांस लेने के लिए सिर्फ जहर ही मिलेगा।

पराली के अलावा दिल्ली के प्रदूषण में 10 फीसदी योगदान ‘बायोमास बर्निंग’ का भी है। इसके अलावा दिल्ली के प्रदूषण में एक बड़ा हिस्सा पडो़सी राज्यों के जिलों से भी आ रहा है। उत्तर प्रदेश का गौतम बुद्ध नगर जिला यानी कि नोएडा दिल्ली की हवा को सबसे ज्यादा 14.3 फीसद प्रदूषित कर रहा है। गाजियाबाद से दिल्ली की हवा 7.9 फीसद और बुलंदशहर की हवा 6.6 फीसदी खराब आ रही है। मुंबई की भी हवा इस मामले में सबसे खराब है जबकि वहां पराली जलने की समस्या भी नहीं है।

उत्तर भारत के जिन राज्यों में प्रदूषण बढ़ रहा है, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब समेत पांच राज्यों से इस पर जवाब मांगा गया है। लेकिन सच ये है कि भारत की किसी भी सरकार के पास ऐसी कोई व्यवस्था ही नहीं है जो इस प्रदूषण को रोक सके। और सांस लेने के लिए साफ तथा स्वच्छ हवा उपलब्ध करा सके।इसी साल अमेरिका के ‘शिकागो यूनिवर्सिटी’ के एक ‘रिसर्च इंस्टीट्यूट’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से लोग ग्यारह साल नौ महीने अब कम जी रहे हैं।

जबकि उत्तर प्रदेश में आठ साल आठ महीने, हरियाणा में आठ साल तीन महीने, पंजाब में छह साल चार महीने, पश्चिम बंगाल में पांच साल नौ महीने, झारखंड में पांच साल आठ महीने, छत्तीसगढ़ में पांच साल सात महीने, राजस्थान में चार साल नौ महीने, महाराष्ट्र में तीन साल नौ महीने, और तो और हिमाचल प्रदेश में जहां पहाड़ों पर हवा इतनी साफ मानी जाती है, वहां भी प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होने के बाद लोग अब ढाई साल कम जी रहे हैं।लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण हमारे देश में कोई मुद्दा नहीं है। जबकि प्रदूषण की वजह से अब हमारी मौत कुछ वर्षों पहले ही हमारे दरवाजे पर आकर दस्तक देने लगती है।

हमारे देश में पहले मौसम की छह ऋतुएं हुआ करती थीं। लेकिन अब इसमें एक ऋतु और भी शामिल हो गई है, जो प्रदूषण की है और सबसे लंबी चलती है। अब हमारे देश में हर साल मानसून और बाकी सीजन की तरह प्रदूषण का भी सीजन आता है। फर्क बस इतना है कि मानसून में लोग अपना छाता निकालते हैं, ठंड के सीजन में गर्म कपड़े निकालते हैं, और प्रदूषण के सीजन में अपना मास्क निकालकर रखते हैं। 

Web Title: Increasing air pollution is reducing the lifespan of humans

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