गुरचरण दास का ब्लॉगः उदार शिक्षा से मजबूत बनेगा लोकतंत्र  

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 25, 2018 04:48 PM2018-12-25T16:48:30+5:302018-12-25T16:48:30+5:30

उदार शिक्षा युवाओं को समाज का एक विचारशील सदस्य बनाने का एक साधन है. यह हमें याद दिलाती है कि जिंदगी उपभोग और उत्पादन से भी कहीं कुछ अधिक है.

Gurcharan Das's blog: Democracy will be stronger with liberal education | गुरचरण दास का ब्लॉगः उदार शिक्षा से मजबूत बनेगा लोकतंत्र  

गुरचरण दास का ब्लॉगः उदार शिक्षा से मजबूत बनेगा लोकतंत्र  

गुरचरण दास

चुनावों की एक और श्रृंखला आई और चली गई. चुनाव में नेताओं का ध्यान लोकलुभावन वादों व मुफ्त की वस्तुएं बांटने की ओर मुड़ जाता है और वे कठिन आर्थिक तथा प्रशासनिक सुधारों को भूल जाते हैं. राज्य विधानसभा चुनावों के हालिया नतीजे हमें याद दिलाते हैं कि भारतीय स्वभाव से शंकालु हैं और अपने नेताओं को बदलने में हिचकिचाते नहीं हैं. 2014 की महान निश्चिंतताएं 2019 की महान अनिश्चितताओं में बदल गई हैं.

मेरा मानना है कि हमारा जिज्ञासु स्वभाव हमारी नागरिकता और लोकतंत्र की मजबूती में सहायक है. दुर्भाग्य से, हमारी शिक्षा प्रणाली जिज्ञासु प्रवृत्ति को पोषित करने के बजाय रट्टा मारने की विधि को बढ़ावा देती है. उदार शिक्षा विशिष्ट सामग्री में महारत हासिल करने के बजाय सीखने की एक विधि है. उपनिषदों की तरह यह सवालों का बचाव करती है. इसमें मूल पाठ को पढ़ना और समूह में पूछताछ करना शामिल है. यह चीज छात्रों के दिमाग में तथ्यों को भरने के विपरीत है.

उदार शिक्षा एक पूर्वाग्रहविहीन व्यक्ति बनने के लिए प्रोत्साहित करती है, जो स्वनियंत्रण और सामूहिक स्वशासन में भाग लेने में सक्षम हो. यह क्षमता चुनावों के समय एक समझदार और ईमानदार उम्मीदवार को चुनकर लाने में मदद करती है. 

उदार शिक्षा केवल किताबों में लिखी बातें सीखने के बारे में नहीं है बल्कि यह सीखने का एक दृष्टिकोण है जो किसी भी विषय - यहां तक कि शारीरिक श्रम भी - का हिस्सा हो सकता है और हाथों से काम करने के खिलाफ हमारे कुछ जातिगत पूर्वाग्रहों को कम करने में मदद कर सकता है. उदार शिक्षा हमारे राजनीतिक स्तर को बढ़ाने में भी मददगार हो सकती है, जो कि हाल के वर्षो में बहुत नीचे गिर गई है. सभी पार्टियां इसके लिए जिम्मेदार हैं. उदार शिक्षा हमें वाम या दक्षिण पंथ की ओर अत्यधिक झुकाने के बजाय मध्य मार्ग में रखती है. यह सामाजिक और सांस्कृतिक विरोधाभासों के बीच सामंजस्य बिठाती है और आम मतदाताओं को आश्वस्त करती है, विशेषकर अल्पसंख्यकों को. इसलिए भारत में आजादी के बाद से अधिकांश चुनावों में मध्य मार्गी उम्मीदवार ही विजयी होते रहे हैं. यहां तक कि 2014 में मोदी की जीत भी विकास और रोजगार सृजित करने के उनके वादे का परिणाम थी, जिसने आकांक्षी युवा मतदाताओं को आकर्षित किया. यह अलग बात है कि वादे पूरे नहीं हुए और भाजपा के लिए यह आज चिंता की बात है.

उदार शिक्षा हमें एक बेहतर मनुष्य भी बनाती है. जैसा कि अरस्तू ने कहा था, यह विवेक को जगाती है, ताकि व्यक्ति सही समय पर, सही कारणों और सही तरीके से सही काम करे. यदि आप उदार शिक्षा को सामग्री नहीं बल्कि सीखने के दृष्टिकोण के रूप में देखते हैं तो इसकी शुरुआत प्राथमिक विद्यालय से ही होनी चाहिए. उदार शिक्षा युवाओं को समाज का एक विचारशील सदस्य बनाने का एक साधन है. यह हमें याद दिलाती है कि जिंदगी उपभोग और उत्पादन से भी कहीं कुछ अधिक है.

Web Title: Gurcharan Das's blog: Democracy will be stronger with liberal education

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे