वेदप्रताप वैदिकः सरलता की प्रतिमूर्ति जॉर्ज 

By विजय दर्डा | Published: January 31, 2019 08:46 PM2019-01-31T20:46:03+5:302019-01-31T20:46:03+5:30

जार्ज के दिल्ली आते ही हमारी गतिविधियां तेज हो गईं. मधु लिमये, किशन पटनायक, मनिराम बागड़ी, रामसेवक यादव, लाडलीमोहन निगम, कमलेश शुक्ल, श्रीकांत वर्मा आदि डॉ. लोहिया के घर पर अक्सर मिला करते थे और लोहियाजी के आंदोलनों को फैलाने पर विचार किया करते थे.

george fernandes death and he is an image of simplicity | वेदप्रताप वैदिकः सरलता की प्रतिमूर्ति जॉर्ज 

वेदप्रताप वैदिकः सरलता की प्रतिमूर्ति जॉर्ज 

जॉर्ज फर्नाडीस जब 1967 में पहली बार लोकसभा में चुनकर आए तो सारे देश में उनके नाम की धूम मची हुई थी. वे बंबई (मुंबई) के सबसे लोकप्रिय मजदूर नेता थे. उन्होंने कांग्रेस के महारथी एस. के. पाटिल को हराया था. तब जार्ज संसोपा के उम्मीदवार थे. संयुक्त समाजवादी पार्टी के नेता थे डॉ. राममनोहर लोहिया. लोहियाजी ने डॉ. परिमलकुमार दास और मेरी ड्यूटी लगाई कि हम दोनों जाएं और जॉर्ज को नई दिल्ली स्टेशन से लेकर आएं. जार्ज को हमने लाकर साउथ एवेन्यू में राजनारायणजी के घर छोड़ा. 

जार्ज के दिल्ली आते ही हमारी गतिविधियां तेज हो गईं. मधु लिमये, किशन पटनायक, मनिराम बागड़ी, रामसेवक यादव, लाडलीमोहन निगम, कमलेश शुक्ल, श्रीकांत वर्मा आदि डॉ. लोहिया के घर पर अक्सर मिला करते थे और लोहियाजी के आंदोलनों को फैलाने पर विचार किया करते थे. स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के साथ चले मेरे शोधग्रंथ को हिंदी में लिखने के विवाद पर जार्ज ने मेरा डटकर समर्थन किया था. 

अंग्रेजी हटाओ, जात तोड़ो, भारत-पाक एकता, रामायण-मेला, दाम-बांधो आदि कई आंदोलनों में जार्ज ने नई जान फूंक दी थी. जॉर्ज को 214, नार्थ एवन्यू का फ्लैट मिला. 216 नंबर में अर्जुन सिंह जी और सरलाजी भदौरिया पहले से रहते थे. भदौरियाजी की बरसाती में कमलेशजी रहते थे. मैं सप्रू हाउस में रहता था. जब डॉक्टर लोहिया बीमार पड़े तो उन्हें विलिंगडन अस्पताल में भर्ती किया गया. हम लोग रोज वहां जाते थे.  उन दिनों जार्ज के साथ घनिष्ठता बढ़ गई. 

जार्ज बेहद सादगीपसंद इंसान थे. वे अक्सर मुसा हुआ कुर्ता-पाजामा पहने रहते थे. मंत्री बनने पर भी उनकी वेशभूषा, खानपान और रहन-सहन में कोई फर्कनहीं आया था. मंत्री बनते ही उन्होंने कोका-कोला और आईबीएम पर प्रतिबंध लगा दिया. जार्ज ने ‘प्रतिपक्ष’ नामक  पत्रिका भी निकाली थी. बिहार से वे कई बार संसद में चुने गए लेकिन राजनीति से दरकिनार होने पर वे काफी अकेले पड़ गए थे. हमारे वरिष्ठ और प्रिय साथी जार्ज फर्नाडीस को मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि! 

Web Title: george fernandes death and he is an image of simplicity

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