सारंग थत्ते का ब्लॉग: भरोसे पर खरा उतरता स्वदेशी तेजस

By सारंग थत्ते | Published: February 22, 2019 08:07 AM2019-02-22T08:07:23+5:302019-02-22T08:07:23+5:30

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट- एलसीए ने आकाश में अपने मजबूत पंख फैलाए थे और भारत के पूर्व प्रधानमंत्नी अटल बिहारी वाजपेयी ने 4 मई 2003 को इस विमान का नामकरण किया और तेजस ने जन्म लिया था.

Genuine Descendants indigenous Tejas | सारंग थत्ते का ब्लॉग: भरोसे पर खरा उतरता स्वदेशी तेजस

सारंग थत्ते का ब्लॉग: भरोसे पर खरा उतरता स्वदेशी तेजस

एयरो इंडिया 2019 के प्रथम दिन बेंगलुरु में बुधवार को एक ऐतिहासिक मौका था जब भारतीय वायुसेना को स्वदेशी एलसीए - (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) तेजस मार्क1 को एफओसी फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस (अंतिम परिचालन मंजूरी) का प्रमाणपत्न मिला. यह प्रमाणपत्न देने वाली संस्था है केमिलैक- सेंटर फॉर मिलिटरी एयरवर्दीनेस एंड सर्टिफिकेशन बेंगलुरु, जो ढांचागत रूप से उड़ान की काबिलियत के पैमानों के आधार पर जहाज के ड्रॉइंग से लेकर उड़ान के अनेक आयामों का निर्धारण करती है, जिसके अनुरूप निर्माता को युद्धक हवाई जहाज निर्माण में सहायता मिलती है. यह संस्था रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला है.  

 इस प्रमाणपत्न के साथ ही अन्य रिलीज टू सर्विस दस्तावेज भी दिए गए जिसे वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी.एस. धनोआ ने ग्रहण किया. तेजस को आईओसी (इनिशियल ऑपरेशनल क्लियरेंस) पहले ही मिल चुका था और उसके तहत हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने 10 एलसीए का निर्माण किया था. अंतिम परिचालन का प्रमाणपत्न मिलने से अब तेजस युद्ध में लड़ाकू विमान की तर्ज पर उड़ान भरने और लड़ने-भिड़ने के लिए तैयार है. 

एयर चीफ मार्शल धनोआ ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने तेजस की 1500 उड़ान में उसकी काबिलियत देखी है और इस एफओसी - फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस (अंतिम परिचालन मंजूरी) के मिल जाने से एलसीए मार्क 1 को वायुसेना में शामिल करने में कोई कठिनाई नहीं आएगी.

जल्द ही 83 एलसीए के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) दी जाएगी. डीआरडीओ के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी के अनुसार एक इंजीनियर के लिए यह क्षण बेहद गर्व का है जब वैज्ञानिक, उद्योग जगत और वायुसेना एक होकर इस स्वदेशी लड़ाकू जेट को उड़ान भरते देख रहे हैं. 

भारत के स्वदेशी छोटे लड़ाकू जहाज तेजस के प्रणोता और पितामह कहलाने वाले पद्मश्री डॉक्टर कोटा हरिनारायण ने 4 जनवरी 2001 को पहली प्रौद्योगिकी प्रदर्शक (टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर) उड़ान के बाद कहा था - हमने देश के लिए अनमोल संपत्ति अर्जित करने में पहला कदम लिया है. 1983 में भारत सरकार ने हल्के लड़ाकू जहाज के निर्माण के लिए हरी झंडी दी थी.

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट - एलसीए ने आकाश में अपने मजबूत पंख फैलाए थे और भारत के पूर्व प्रधानमंत्नी अटल बिहारी वाजपेयी ने 4 मई 2003 को इस विमान का नामकरण किया और तेजस ने जन्म लिया था. काफी समय से तेजस की बनावट में बदलाव की आंधी रुक नहीं रही थी.

अब कम से कम जरूरी अस्त्न शस्त्न के साथ स्वदेशी एलसीए तेजस मार्क 1 भारतीय आकाश में उड़ान भर सकेगा. एक तरह से अब हमारी वायुसेना का तेजस की काबिलियत पर भरोसा बनता दिखाई दे रहा है. 

Web Title: Genuine Descendants indigenous Tejas

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