जी-20: ऐतिहासिक अवसर...अब भारत के हाथों में होगा दुनिया का नेतृत्व

By आरके सिन्हा | Published: November 16, 2022 08:23 AM2022-11-16T08:23:25+5:302022-11-16T08:23:25+5:30

जी-20 उन 20 देशों का समूह है, जो विश्व के 75% व्यापार का भी प्रतिनिधित्व करता है और भारत अब इसी जी-20 समूह का नेतृत्व करने जा रहा है. भारत में जी-20 के सफल आयोजन की तेजी से तैयारियां शुरू भी हो गई हैं.

G-20: Historical opportunity as now the leadership of world will be in hands of India | जी-20: ऐतिहासिक अवसर...अब भारत के हाथों में होगा दुनिया का नेतृत्व

जी-20: ऐतिहासिक अवसर...अब भारत के हाथों में होगा दुनिया का नेतृत्व

भारत को जी-20 देशों के समूह की सांकेतिक रूप से अध्यक्षता आगामी 16 नवंबर को ही मिल जाएगी जब  इंडोनेशिया के शहर बाली में चल रहा जी-20 शिखर सम्मेलन समाप्त होगा. हां, भारत विधिवत रूप से जी-20 की अध्यक्षता अगले माह 1 दिसंबर से संभालेगा. भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने का और अपनी नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित करने का. जी-20 ऐसे देशों का समूह है, जो विश्व की 85% जीडीपी का प्रतिनिधित्व करता है. 

जी-20 उन 20 देशों का समूह है, जो विश्व के 75% व्यापार का भी प्रतिनिधित्व करता है और भारत अब इसी जी-20 समूह का नेतृत्व करने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जी-20 का ‘लोगो’ (प्रतीक चिह्न) ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ जारी करते हुए कहा कि यह केवल एक प्रतीक चिह्न ही नहीं है, यह एक गहरा संदेश है, एक भावना है जो हमारी रगों में बसती है. यह ऐसा संकल्प है जो हमारी सोच में शामिल रहा है. इस लोगो और थीम के जरिये भारत ने विश्व को फिर एक संदेश दिया है.

राजधानी नई दिल्ली में अगले साल 9-10 सितंबर, 2023 में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, रूस के राष्ट्रपति पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग समेत दुनिया के शिखर नेता भाग लेंगे. उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी जी-20 के नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.  

जी-20 के सफल आयोजन की तेजी से तैयारियां शुरू भी हो गई हैं. करीब चार दशक पहले 1983 में राजधानी दिल्ली में गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ था. उसमें दर्जनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष भाग लेने आए थे, जिनमें क्यूबा के राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो, पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह जिया उल हक, फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन (पीएलओ) नेता यासर अराफात प्रमुख थे. 

निर्गुट सम्मेलन के चालीस सालों के बाद जी-20 सम्मेलन राजधानी में आयोजित होना है. इसमें दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेता भाग लेंगे. इस लिहाज से ये निर्गुट सम्मेलन से अलग है. जी-20 देशों के हजारों प्रतिनिधियों की भारत के अलग-अलग शहरों में बैठकें अगले माह से ही शुरू हो जाएंगी.

कोरोना ने समूची दुनिया के आर्थिक ढांचे को भारी क्षति पहुंचाई. विकास के पहिये की गति प्रभावित हुई और विशेषज्ञों की मानें तो एक बड़ी आर्थिक मंदी पुन: दुनिया की चौखट पर दस्तक दे रही है. इसको लेकर समूची दुनिया में बेचैनी का माहौल है. गरीब और विकासशील देशों में इसका असर जाहिर तौर पर ज्यादा होने वाला है. ऐसे वक्त में भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलना महत्वपूर्ण है.  

Web Title: G-20: Historical opportunity as now the leadership of world will be in hands of India

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