संपादकीय: अमेरिका में मुश्किल में फंसे भारतीय विद्यार्थी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 4, 2019 04:35 PM2019-02-04T16:35:03+5:302019-02-04T16:35:03+5:30

भारत से विद्यार्थियों का आना और रोजगार के लिए लोगों का पहुंचना तो घोटालों की परिणति मात्र है. असल समस्या तो अमेरिका से ही तैयार हो रही है. ऐसे में उसे चाहिए कि वह भारतीय विद्यार्थियों के साथ सहानुभूतिपूर्वक न केवल विचार करे, बल्कि उनकी सहायता भी करे.

Editorial: Indian students stranded in difficulties in America | संपादकीय: अमेरिका में मुश्किल में फंसे भारतीय विद्यार्थी

संपादकीय: अमेरिका में मुश्किल में फंसे भारतीय विद्यार्थी

कथित रूप से धोखाधड़ी के मामले में करीब 130 भारतीय विद्यार्थियों के अमेरिका में बंदी बनाए जाने के बाद से देश में चिंता का वातावरण स्वाभाविक है. अमेरिका के आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग (आईसीई) की कार्रवाई में भारतीय नागरिकों के साथ कुछ भारतीय अमेरिकी भी गिरफ्तार किए गए हैं. उन पर विदेशी नागरिकों को डेट्रॉयट के फार्मिगटन हिल्स में एक फर्जी विश्वविद्यालय में दाखिला दिलाकर उन्हें अवैध रूप से अमेरिका में ठहराने में मदद पहुंचाने का आरोप है.

अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा गिरफ्तार आठ लोगों पर कम से कम 600 लोगों को अमेरिका में अवैध रूप से ठहराने में मदद पहुंचाने का आरोप है. समूचे मामले में साफ है कि भारतीय छात्र ठगी के शिकार हुए हैं. मगर उनके साथ अमेरिकी सरकार का बर्ताव अपराधियों जैसा है, जो कि पूर्णत: अनुचित है. भारत सरकार ने भी इस बारे में अपनी अप्रसन्नता से अमेरिका को अवगत करा दिया है. यूं तो शिक्षा और रोजगार के नाम पर धोखाधड़ी भारतीयों के साथ नई नहीं है.

खाड़ी देशों की बात हो या फिर यूरोप के किस्से, हर समय कोई नई बात नजर आती है. मुश्किल इस बात की है कि अमेरिका जैसे देश में, जहां आव्रजन को लेकर हमेशा से सख्ती रही है और ट्रम्प सरकार के कार्यकाल में अनेक कदम उठाए गए हैं, वहां विदेशी छात्रों को इतनी आसानी से प्रवेश कैसे मिल जाता है.

इसमें कहीं न कहीं अमेरिकी प्रशासन की गलती या फिर मिलीभगत संभव है. यही नहीं, शिक्षा के नाम पर विकासशील देशों के विद्यार्थियों को गुमराह करने वाले तंत्र का अस्तित्व भी हो सकता है. हालांकि अमेरिका ने केवल सीधी कार्रवाई में भारतीय छात्रों को पकड़ कर अपनी पीठ थपथपा ली है, मगर उसे अपने गिरेबां में झांकना जरूरी है. उसे यह देखना आवश्यक है कि शिक्षा और रोजगार के नाम पर कितने गड़बड़ घोटाले चल रहे हैं.

भारत से विद्यार्थियों का आना और रोजगार के लिए लोगों का पहुंचना तो घोटालों की परिणति मात्र है. असल समस्या तो अमेरिका से ही तैयार हो रही है. ऐसे में उसे चाहिए कि वह भारतीय विद्यार्थियों के साथ सहानुभूतिपूर्वक न केवल विचार करे, बल्कि उनकी सहायता भी करे. उसका भारतीय विद्यार्थियों के साथ बंदियों जैसा व्यवहार निंदनीय है. उम्मीद की जानी चाहिए कि भारत सरकार की नाराजगी के ठोस परिणाम सामने आएंगे. साथ-साथ भारत में भी इस घटना से कुछ सबक सीखने और देखने को मिलेगा. 

Web Title: Editorial: Indian students stranded in difficulties in America

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