वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: मुलायम सिंह को पद्म विभूषण पर बहस
By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 28, 2023 02:28 PM2023-01-28T14:28:26+5:302023-01-28T14:28:26+5:30
समाजवादियों को लग रहा है कि यह मुलायमजी का सम्मान नहीं, उप्र के यादव वोटों को हासिल करने की कोशिश है। अखिलेश के लिए भाजपा ने यह बड़ी दुविधा पैदा कर दी है।
स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान क्या मिला, देश में बहस छिड़ गई है। सबसे पहले तो सबको आश्चर्य यह हुआ कि मुलायम को यह सम्मान उस भाजपा की सरकार ने दिया है, जिसे देश में सबसे ज्यादा यदि किसी ने तंग किया है तो उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने किया है।
राम मंदिर के लिए हुए प्रदर्शनों में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को जितना परेशान मुलायम सिंह ने किया, क्या किसी और मुख्यमंत्री ने किया? मुलायम सिंह के प्रशंसक सारे देश में मौजूद थे लेकिन वे इतने दरियादिल भी थे कि संसद में उन्होंने खुलेआम मोदी की प्रशंसा भी की, लेकिन क्या इसीलिए मुलायम को भाजपा ने पुरस्कृत कर दिया है? शायद नहीं।
समाजवादियों को लग रहा है कि यह मुलायमजी का सम्मान नहीं, उप्र के यादव वोटों को हासिल करने की कोशिश है। अखिलेश के लिए भाजपा ने यह बड़ी दुविधा पैदा कर दी है। भाजपा के कुछ नेताओं को ऐसा भी लग रहा है कि यदि मुलायम सिंह को वे अपना बना लें तो अखिलेश को हाशिए में सरकाना उनके बाएं हाथ का खेल होगा। उनकी एक रणनीति यह भी हो सकती है कि अगले चुनाव में भाजपा और सपा का गठबंधन बन जाए।
जहां तक अखिलेश यादव का सवाल है, उन्हें डॉ. लोहिया के समाजवादी सिद्धांतों को लेकर कोई खास आग्रह भी नहीं है और शायद जानकारी भी नहीं है, इसीलिए भाजपा के साथ गठबंधन करने में सपा को ज्यादा कठिनाई भी नहीं होगी। यह सम्मान गजब का पैंतरा भी सिद्ध हो सकता है।