ब्लॉग; व्यापक तैयारियों के बल पर तूफानों को दी जा सकती है मात

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 26, 2024 07:22 IST2024-10-26T07:22:50+5:302024-10-26T07:22:53+5:30

इसके पहले वर्ष 2013 में चक्रवात फैलिन ने 44 लोगों की जान ली थी.

Cyclone Dana storms can be defeated with the help of comprehensive preparations | ब्लॉग; व्यापक तैयारियों के बल पर तूफानों को दी जा सकती है मात

ब्लॉग; व्यापक तैयारियों के बल पर तूफानों को दी जा सकती है मात

चक्रवाती तूफान दाना के रौद्र मिजाज को देखते हुए ओडिशा सहित देश के कई राज्यों की सरकारों ने जो सुरक्षा उपाय किए, वह रंग लाया है और  ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य ने अपना ‘जीरो कैजुअल्टी मिशन’ हासिल कर लिया है क्योंकि गुरुवार रात तट पर आए भीषण चक्रवाती तूफान दाना में किसी भी मानव जीवन के नुकसान या घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है.

हालांकि शुक्रवार को ओडिशा में एक महिला और प. बंगाल में एक व्यक्ति कौ मौत होने की खबर है, लेकिन इन मौतों का चक्रवात से कोई संबंध नहीं है. ओडिशा में महिला की मौत जहां आश्रय स्थल पर हृदय गति रुकने से हुई, वहीं प. बंगाल में व्यक्ति की मौत उसके घर पर केबल से जुड़ा कुछ काम करते समय हुई. इन दोनों राज्यों के अलावा बिहार और झारखंड में भी तूफान का असर रहा, लेकिन पूर्व में की गई तैयारियों का ही असर रहा कि कहीं से भी तूफान के कारण जनहानि की खबर नहीं है और आर्थिक हानि भी काफी हद तक होने से बचा ली गई है.

बंगाल की खाड़ी में बने तूफान दाना के 24 अक्टूबर की शाम ओडिशा के तट से टकराने और इसकी रफ्तार 110-120 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की बात कही गई थी. इसीलिए बंगाल और ओडिशा में एनडीआरएफ की कई टीमें अलर्ट पर थीं.  कोलकाता एयरपोर्ट पर उड़ानें बंद कर दी गई थीं तो 150 से ज्यादा ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया था. ओडिशा के 14 राज्यों में अलर्ट जारी किया गया था और करीब 3 हजार गांवों से करीब छह लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया था.

जाहिर है कि इतने बड़े उथल-पुथल के बीच ‘जीरो कैजुअल्टी मिशन’ आसान नहीं था, लेकिन अपनी व्यापक तैयारियों के बल पर राज्य सरकारों, खासकर ओडिशा सरकार ने इसे जिस तरह से हासिल कर  दिखाया है, वह काबिले तारीफ है.  चक्रवात दाना पिछले दो महीनों में भारतीय तट पर आने वाला दूसरा चक्रवाती तूफान है. इससे पहले अगस्त के अंत में चक्रवात 'असना' ने प्रायद्वीप को प्रभावित किया था. इस तूफान का नाम कतर ने चुना था. भारत चक्रवातू तूृफानों से लगातार जूझता रहा है और पिछले एक दशक में छह बड़े तूफान आ चुके हैं.

इनमें 2021 में आने वाले बेहद गंभीर चक्रवात ताउते में सौ से अधिक लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश लोगों की मौत गुजरात में हुई थी. जबकि 2020 में आने वाले चक्रवात अम्फान में 129 लोगों की जान गई थी. चक्रवात फेनी तीन मई 2019 को ओडिशा में पुरी के पास 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भारत के पूर्वी तट से टकराया था और इस बेहद गंभीर चक्रवात की वजह से 64 लोगों की मौत हुई थी.

उस समय भी ओडिशा सरकार की तूफान से निपटने की तैयारियों की काफी सराहना हुई थी. चक्रवात वरदा 2016 में चेन्नई के नजदीक तट से टकराया था और इसने तमिलनाडु में 18 लोगों की जान ली थी. जबकि 2014 में चक्रवात हुदहुद से करीब सवा सौ लोगो की मौत हुई थी. इसके पहले वर्ष 2013 में चक्रवात फैलिन ने 44 लोगों की जान ली थी. जाहिर है कि इस बार चक्रवात दाना में जनहानि को रोकने में लगभग पूरी कामयाबी मिली है और इसका श्रेय हमारी सरकारों की तैयारियों को जाता है.

Web Title: Cyclone Dana storms can be defeated with the help of comprehensive preparations

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