प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: अर्थव्यवस्था का भी ध्यान रखना जरूरी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 5, 2020 02:20 PM2020-05-05T14:20:04+5:302020-05-05T14:20:04+5:30

कोरोना संक्रमण ने सबसे बुरा दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर डाला है. लॉकडाउन के कारण सबकुछ बंद हो गया. हालांकि, बहुत जरूरी है कि सरकारें अब अर्थव्यवस्था पर भी ध्यान दे. पढ़िए प्रकाश बियाणी का ब्लॉग...

Coronavirus lockdown Prakash Biyani blog: It also important to take care of the economy | प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: अर्थव्यवस्था का भी ध्यान रखना जरूरी

कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था का भी ध्यान रखना जरूरी (फाइल फोटो)

लॉकडाउन ने कोरोना संक्रमण फैलने की गति को कम कर दिया है. लॉकडाउन से पहले कोरोना संक्र मण 4 दिन में दोगुना फैल रहा था अब 11 दिन में. इसके साथ ही देश के कारोबारी कहने लगे हैं कि लोगों की जान बचाने जितना ही जरूरी है आजीविका बचाना. लम्बे समय तक कल-कारखाने बंद रहे तो निष्क्रि य हो जाएंगे, जिन्हें पुनर्जीवित करना मुश्किल होगा.

इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा है कि लॉकडाउन को लम्बे समय तक जारी रखा तो लोग कोरोना से तो नहीं, पर भूख से अवश्य मरने लगेंगे. जिस देश में अन्य रोगों से हर साल 90 लाख लोग मरते हैं वहां कोरोना से हुई हजार-बारह सौ मौतों के कारण करोड़ों लोगों के रोजगार को दांव पर लगाना समझदारी नहीं है. हमें कोरोना के साथ जीना सीखना चाहिए.

कोरोना से जुड़ा एक और सच यह भी है कि कोरोना की मृत्यु दर 3.2 फीसदी है यानी कोरोना संक्रमित 100 लोगों में से 3 ही मरते हैं. यही नहीं, इनमें से भी 78 फीसदी वे हैं जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है और जिनके हृदय और फेफड़े अस्वस्थ हैं, जो डायबिटिक हों, जिन्हें कैंसर या हायपरटेंशन है. हमारे देश की कुल आबादी में 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग 9 फीसदी हैं. इन 12 करोड़ लोगों को कोरोना संक्र मण से बचाने के लिए शेष लोगों की आजीविका को दांव पर नहीं लगाया जा सकता. कोरोना से इतने कम जोखिम के बाद भी लॉकडाउन जारी रखना देश की अर्थव्यवस्था को डुबोना है. 

इन दलीलों के साथ सारी दुनिया की तरह हमारे देश में भी मांग होने लगी है कि केवल सीनियर सिटीजन्स को घर में रोककर कोरोना से होनेवाली मौतों के साथ देश की इकोनॉमी को बचाया जा सकता है. अत: जो युवा हैं जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है उन्हें सामान्य जीवन जीने की आजादी मिले.

सरकार ने देश को तीन जोन में बांटा है. यहां संक्र मण के आधार पर आंशिक या सम्पूर्ण लॉकडाउन है. इसके साथ यह एडवायजरी भी जारी हुई है कि सीनियर सिटीजन्स स्वेच्छा से लॉकडाउन का पालन करें. कोरोना वायरस की वैक्सीन आने तक वे घर में ही रहें. किसी को घर पर आमंत्रित न करें, किसी समारोह में शामिल न हों. गैरजरूरी यात्ना न करें. अपने चिकित्सकों से भी फोन पर ही परामर्श लें. वे अच्छे कुक हैं तो खाना पकाएं. बागवानी करें. टीवी पर फिल्में देखें. वे स्वैच्छिक लॉकडाउन को एन्जॉय नहीं करेंगे और नकारात्मक जीवन जीएंगे तो अपना इम्युनिटी सिस्टम कमजोर कर लेंगे.
  
इंग्लैंड में तो सरकार ने 70 साल के नागरिकों के लिए चार माह के लिए ऐसा सेल्फ आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया है. यहां तक कि उनके बच्चों को भी निर्देश दिए हैं कि वे अपने पैरेंट्स से मिलने अकारण एल्डर्स होम न जाएं.

Web Title: Coronavirus lockdown Prakash Biyani blog: It also important to take care of the economy

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