वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः फायदा कम, नुकसान ज्यादा

By वेद प्रताप वैदिक | Published: December 14, 2019 12:37 PM2019-12-14T12:37:33+5:302019-12-14T12:37:33+5:30

पाकिस्तान के एक हिंदू सांसद और एक हिंदू विधायक ने इस नए कानून की निंदा कर दी है. अभी तक अफगानिस्तान की प्रतिक्रि या नहीं आई है, क्योंकि उसके राष्ट्रपति और प्रधानमंत्नी, दोनों ही भारत के पुराने मित्न हैं.

citizenship amendment bill 2019: Advantage less, loss more, new law | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः फायदा कम, नुकसान ज्यादा

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नया नागरिकता कानून अब जो जो गुल खिला रहा है, उसकी आशंका हमने पहले ही जता दी थी. सबसे पहले तो मोदी और जापानी प्रधानमंत्नी की गुवाहाटी-भेंट स्थगित हो गई. दूसरा, बांग्लादेश और पाकिस्तान में इस विधेयक की कड़ी प्रतिक्रिया हो रही है. बांग्लादेश के गृह मंत्नी और विदेश मंत्नी की भारत-यात्ना स्थगित हो गई.

पाकिस्तान के एक हिंदू सांसद और एक हिंदू विधायक ने इस नए कानून की निंदा कर दी है. अभी तक अफगानिस्तान की प्रतिक्रि या नहीं आई है, क्योंकि उसके राष्ट्रपति और प्रधानमंत्नी, दोनों ही भारत के पुराने मित्न हैं. यह ठीक है कि वे इस नए कानून की इमरान खान की तरह निंदा नहीं करेंगे और इसे संघ का हिंदुत्ववादी एजेंडा नहीं कहेंगे लेकिन उन्हें इमरान और शेख हसीना से भी ज्यादा अफसोस होगा, क्योंकि उन पर भी यह इल्जाम लग गया है कि वे हिंदू-विरोधी हैं. इन तीनों मुस्लिम राष्ट्रों को किसी मुद्दे पर एक करने का श्रेय किसी को मिलेगा तो वह हमारी भाजपा सरकार को मिलेगा.

हमारी सरकार पता नहीं क्यों यह कानून ले आई है? इस कानून के बिना भी वह पड़ोसी देशों के हर सताए हुए आदमी को भारत की नागरिकता दे सकती थी. उनमें हिंदू तो अपने आप ही आ जाते लेकिन उस सूची में से शरणार्थी मुसलमानों को निकालकर भाजपा सरकार ने अपने गले में सांप्रदायिकता का पत्थर लटका लिया है. क्यों लटका लिया है, समझ में नहीं आता. जब भाजपा विपक्ष में थी, तब उसका यह पैंतरा हिंदू वोट जुटाने के लिए सही था लेकिन अब वह सरकार में है, उसे अब पूरा अधिकार है कि वह किसी भी विदेशी को नागरिकता दे या न दे. 

उसने सिर्फ अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश का नाम ही क्यों लिया? क्या अफगानिस्तान भी 1947 के पहले भारत का हिस्सा था? श्रीलंका और म्यांमार (बर्मा) तो भारत के हिस्से ही थे. उनके यहां से आनेवाले शरणार्थियों के लिए इस नए कानून में कोई प्रावधान नहीं है. यह कानून भी नोटबंदी जैसी ही भयंकर भूल है. इससे फायदा कम, नुकसान ज्यादा है. बंगाल सहित सभी पूर्वोत्तर प्रांतों से भाजपा ने हाथ धो लिये हैं.

Web Title: citizenship amendment bill 2019: Advantage less, loss more, new law

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