Chenab Bridge Inauguration: असंभव को संभव कर दिखाने का भारतीय जज्बा!, बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर...

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: June 7, 2025 05:14 IST2025-06-07T05:14:41+5:302025-06-07T05:14:41+5:30

Chenab Bridge Inauguration:  अंग्रेज इंजीनियरों को सर्वेक्षण के लिए नियुक्त भी किया और 1898 से 1909 के बीच 11 वर्षों में तीन रिपोर्ट्स भी तैयार हुई लेकिन काम निश्चय ही असंभव जैसा था, इसलिए बात आगे नहीं बढ़ी. लेकिन हरि सिंह जो सपना जगा गए थे वह आजादी के बाद भी पलता रहा.

Chenab Bridge Inauguration PM Narendra Modi waves Tiranga world’s highest railway arch bridge Sends Strong Message Post-Pahalgam Attack WATCH | Chenab Bridge Inauguration: असंभव को संभव कर दिखाने का भारतीय जज्बा!, बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर...

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Highlightsघाटी में रेल लाइन की पहली संकल्पना महाराज हरि सिंह ने की थी. बड़ा सपना पूरा हो गया बल्कि भारत का मान पूरी दुनिया में बढ़ गया.कटरा-श्रीनगर-कटरा के बीच वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई.

Chenab Bridge Inauguration: बड़े सपने देखना और फिर अपनी सारी शक्ति के साथ उसे जमीन पर उतार देना ही वो जज्बा है जिसने भारत को आज गौरव के मुकाम पर पहुंचा दिया है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 272 किमी लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का शुभारंभ किया और कटरा-श्रीनगर-कटरा के बीच वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई तो न केवल जम्मू-कश्मीर का एक बड़ा सपना पूरा हो गया बल्कि भारत का मान पूरी दुनिया में बढ़ गया. घाटी में रेल लाइन की पहली संकल्पना महाराज हरि सिंह ने की थी. अंग्रेज इंजीनियरों को सर्वेक्षण के लिए नियुक्त भी किया और 1898 से 1909 के बीच 11 वर्षों में तीन रिपोर्ट्स भी तैयार हुई लेकिन काम निश्चय ही असंभव जैसा था, इसलिए बात आगे नहीं बढ़ी. लेकिन हरि सिंह जो सपना जगा गए थे वह आजादी के बाद भी पलता रहा.

 

प्रधानमंत्री की कुर्सी पर जो भी आया, उसका यह सपना रहा कि घाटी में किसी तरह ट्रेन पहुंचे क्योंकि यह प्रमाणित सत्य है कि ट्रेन जहां भी पहुंचती है, विकास की सौगात लेकर पहुंचती है. इंदिरा गांधी, एचडी देवेगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक ने इस सपने में जान फूंकी. आज इसी का प्रतिफल है कि अब भारत के किसी भी हिस्से से घाटी तक ट्रेन की पहुंच हो गई है.

 

इस रेलखंड का काजीगुंड-बारामूला हिस्सा जब 2009 में शुरू हुआ तो बड़े सपने के साकार होने की वो पहली सफलता थी. फिर 2013 में बनिहाल-काजीगुंड रेल खंड, 2014 में उधमपुर-कटरा, 2023 में बनिहाल-सांगलदान और 2024 में कटरा को सांगलदान से जोड़ने वाले रेल खंड की शुरुआत ने दुनिया को अचंभित कर दिया.

लेकिन शेष हिस्से का काम सबसे दुरूह था क्योंकि बीच में थी चिनाब नदी. इसी नदी पर एफिल टावर से भी ऊंचा पुल बना कर भारतीय इंजीनियर्स ने इतिहास रच दिया. दुनिया में इतना ऊंचा रेल पुल और कहीं नहीं है. सबसे बड़ी बात है कि यह पुल 260 किमी प्रतिघंटे की हवा को भी झेल लेगा और भूकंप भी इसे नष्ट नहीं कर पाएगा!

जाहिर सी बात है कि इस तरह के निर्माण ने भारत की साख को पूरी दुनिया में बढ़ाया है लेकिन उससे भी बड़ी बात है कि कश्मीर के लिए संभावनाओं के नए द्वार खुल गए हैं. गर्मी के मौसम की बात छोड़ दें तो बाकी समय में हमेशा यह आशंका बनी रहती थी कि जम्मू-श्रीनगर हाईवे पता नहीं कब बंद हो जाए.

बारिश में भूस्खलन तो सर्दी में भारी बर्फबारी के कारण बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं लेकिन अब रेल लाइन ने वो सारी परेशानियां दूर कर दी हैं. सड़क मार्ग की दुरुहता, लगने वाले समय और हवाई मार्ग की महंगाई के कारण आम मध्यमवर्गीय परिवार कश्मीर घाटी घूमने का आनंद लेने से वंचित रह जाता था लेकिन कटरा और श्रीगर के बीच वंदे भारत ट्रेन ने कश्मीर घूमने की चाहत को सुलभ बना दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो-दो वंदे भारत ट्रेनों की सौगात दी है. ये ट्रेनें भी बड़ी खास हैं. भले ही भारी बर्फबारी हो रही हो लेकिन इससे ट्रेन परिचालन में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. यातायात की यह सुलभता कश्मीर में पर्यटन को निश्चित ही पंख लगाएगी. जब पर्यटन बढ़ेगा तो कश्मीर के नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे.

जाहिर सी बात है कि यह सब पाकिस्तानियों का दिल जलाएगा और पाकिस्तानी सेना और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई ऐसा कुचक्र रचने की कोशिश करेगी कि कश्मीर की खुशहाली को क्षति पहुंचे. वह ऐसा पहले भी करता रहा है. सुरक्षा की दृष्टि से 272 किमी की यह रेल लाइन संभवत: दुनिया में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रेलखंड है क्योंकि आतंकी और उनके पाकिस्तानी आकाओं की बुरी नजर से इसे बचाना है.

मगर पहलगाम की घटना के बाद भारत के रुख से अंदाजा हो जाना चाहिए कि यदि किसी ने आंखें उठाईं तो आंख निकाल लेने के मूड में है भारत! इसलिए बेधड़क होकर अब कश्मीर की वादियों का मजा लीजिए. ये नया कश्मीर है...ये नया भारत है. दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक ताकत बन चुका बेधड़क और बेखौफ भारत!

Web Title: Chenab Bridge Inauguration PM Narendra Modi waves Tiranga world’s highest railway arch bridge Sends Strong Message Post-Pahalgam Attack WATCH

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