राजनीति और कूटनीतिः चाणक्य का दीपक और राजनेता का कुलदीपक

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: November 8, 2025 05:24 IST2025-11-08T05:24:59+5:302025-11-08T05:24:59+5:30

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का है जिनके सुपुत्र पार्थ पवार पर आरोप लगा है कि उनकी साझेदारी वाली अमाडिया इंटरप्राइजेज ने 1800 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन केवल 300 करोड़ रुपए में हासिल कर ली. ये जमीन पुणे के मंडावा इलाके में है.

Chanakya ka deepak aur rajneta ka kuldeepak Ajit Pawar son Parth Pawar accused partnership Amadia Enterprises acquired land Rs 1800 crore only Rs 300 crore | राजनीति और कूटनीतिः चाणक्य का दीपक और राजनेता का कुलदीपक

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Highlightsआचरण ऐसा हो कि उन पर कोई उंगली न उठ पाए.आज की राजनीति इसके ठीक विपरीत है. मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है.

Politics and Diplomacy: दुनिया मानती है राजनीति और कूटनीति के मामले में चाणक्य से बेहतर नीति किसी की नहीं रही. चाणक्य एक कुटिया में रहते थे और जब राज्य का काम कर रहे होते थे तो राजकोष से खरीदे गए तेल से जलने  वाले दीपक का उपयोग करते थे. लेकिन जब निजी काम करते थे तो पहला दीपक बुझा कर दूसरा दीपक जला लेते थे जिसमें उनके निजी पैसे से खरीदा गया तेल जलता था. इस प्रसंग का आशय यह है कि राजनीति करने वालों को ईमानदारी का उच्च स्तर का प्रतिमान स्थापित करना चाहिए. उनका आचरण ऐसा हो कि उन पर कोई उंगली न उठ पाए.

लेकिन आज की राजनीति इसके ठीक विपरीत है. ताजा मामला महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का है जिनके सुपुत्र पार्थ पवार पर आरोप लगा है कि उनकी साझेदारी वाली अमाडिया इंटरप्राइजेज ने 1800 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन केवल 300 करोड़ रुपए में हासिल कर ली. ये जमीन पुणे के मंडावा इलाके में है.

इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है. कहा जा रहा है कि इस घोटाले में 21 करोड़ रुपए की स्टांप ड्यूटी भी माफ कर दी गई. फिलहाल तहसीलदार और एक सब-रजिस्ट्रार को निलंबित कर दिया गया है. सवाल यह उठता है कि इतना बड़ा घोटाला हो रहा था और किसी को भनक तक नहीं लगी? ऐसा कैसे हो सकता है?

क्या पार्थ को पता नहीं था कि वे जो गुल खिला रहे हैं, वह घोटाले की श्रेणी में आता है. और क्या उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भी पता नहीं था कि उनके बेटे की साझेदारी वाली फर्म 1800 करोड़ रु. बाजार मूल्य वाली जमीन केवल 300 करोड़ रुपए में खरीद रही है? यदि उन्हें पता नहीं था तब भी यह समझने वाली बात है कि इतने बड़े घोटाले में यदि सरकारी अधिकारियों ने साथ दिया तो इसके पीछे अजित पवार के पद पर होने का नैसर्गिक दबाव तो होगा ही. तो ये दबाव किसने डाला? क्या पार्थ ने अधिकारियों को प्रभावित किया?

या फिर अधिकारी किसी लालच में इस प्रसंग में शामिल हो गए? सच्चाई जो भी हो, उम्मीद की जानी चाहिए कि वास्तविकता आम आदमी के सामने जल्दी से जल्दी आएगी क्योंकि यह उपमुख्यमंत्री के बेटे से जुड़ा मामला है. इस तरह का घोटाला साबित होता है तो यह अजित पवार के लिए तो घातक होगा ही, राज्य सरकार के लिए भी घातक साबित होगा.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यह बात अच्छी तरह समझते हैं. इसीलिए उन्होंने जांच के निर्देश दिए हैं. फिलहाल इस प्रसंग ने महाराष्ट्र की राजनीति को गर्म कर दिया है. देखने वाली बात होगी कि घोटाले की इस आग में कौन-कौन झुलसता है?  

Web Title: Chanakya ka deepak aur rajneta ka kuldeepak Ajit Pawar son Parth Pawar accused partnership Amadia Enterprises acquired land Rs 1800 crore only Rs 300 crore

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