ब्लॉग: युवा बनाएंगे विकसित भारत की तस्वीर
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: December 19, 2023 09:10 AM2023-12-19T09:10:41+5:302023-12-19T09:23:35+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 दिसंबर को ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और वैश्विक साझेदारी’ (जीपीएआई) पर शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एआई 21वीं सदी में विकास का सबसे बड़ा जरिया बन सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 दिसंबर को ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और वैश्विक साझेदारी’ (जीपीएआई) पर शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एआई 21वीं सदी में विकास का सबसे बड़ा जरिया बन सकती है। ऐसे में भारतीय युवाओं में शीघ्र ही एआई कम्प्यूटरिंग क्षमता को बढ़ाने का व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके तहत देशभर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के मौजूदा नेटवर्क का इस्तेमाल टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में युवाओं को एआई कौशल सिखाने में भी होगा।
इससे देश की नई पीढ़ी स्टार्टअप और नवाचार को बढ़ाते हुए मानवीय मूल्यों के साथ देश के तेज विकास के लिए आगे बढ़ेगी। इसी तरह 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के राजभवनों में आयोजित ‘विकसित भारत @ 2047: युवाओं की आवाज कार्यक्रम’ को वर्चुअली संबोधित करते हुए युवाओं को संदेश दिया कि यह भारत का अमृतकाल है और भारत के इतिहास का ऐसा कालखंड है जब देश की नई पीढ़ी राष्ट्र निर्माण के संकल्प को मुठ्ठी में लेकर लंबी छलांगें लगाते हुए 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के सपने को साकार कर सकती है।
गौरतलब है कि नीति आयोग की ओर से 10 दिसंबर को देश के विकास पर एक परिपत्र जारी करते हुए कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से जिस तरह प्रधानमंत्री कौशल विकास, समग्र शिक्षा, जनधन योजना, स्टार्टअप इंडिया और उच्च व तकनीकी शिक्षा के विस्तार कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़ाए गए हैं, उनसे भारत डिजिटल कौशल से सुसज्जित नई पीढ़ी और तेज आर्थिक विकास के दम पर 2027 में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 में 30 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनते हुए विकसित देश बनते हुए दिखाई दे सकेगा।
यकीनन इन दिनों प्रकाशित हो रही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में एकमत से डिजिटल कौशल और तेज आर्थिक विकास के कारण युवाओं के लिए देश और विदेश में रोजगार के मौके बढ़ने और वैश्विक मंदी की चुनौतियों के बीच भारत के तेजी से विकास की ओर बढ़ रही डगर रेखांकित हो रही है।
जहां देश अपने पास दुनिया की सर्वाधिक 6.5 फीसदी विकास दर रखते हुए रोजगार के नए अवसर निर्मित करते हुए दिखाई दे रहा है, वहीं तेजी से बढ़ती देश की अर्थव्यवस्था की अहमियत को समझते हुए दुनिया के उद्यमियों और प्रवासी भारतीयों के कदम भी भारत की ओर बढ़ रहे हैं। हाल ही में सिंगापुर फिनटेक फेस्टिवल में हिस्सा लेते हुए उद्योग संगठन नैस्कॉम के पूर्व चेयरमैन सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और देश की विकास गाथा में शामिल होने के लिए अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया भर से भारतीय उद्यमी वापस अपनी मातृभूमि की ओर लौट रहे हैं।