वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः जाति आधारित जनगणना विनाशकारी

By वेद प्रताप वैदिक | Published: May 27, 2022 03:16 PM2022-05-27T15:16:59+5:302022-05-27T15:18:20+5:30

जातीय अलगाव मजहबी अलगाव से भी अधिक जहरीला है। पिछली जनगणना में 46 लाख जातियों और उप-जातियों का पता चला था। एक ही प्रांत में एक ही जाति के लोग अलग-अलग जिलों में अपने आपको उच्च या नीच जाति का मानते हैं।

Blog of Vedapratap Vedic Caste based census is Disastrous | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः जाति आधारित जनगणना विनाशकारी

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः जाति आधारित जनगणना विनाशकारी

खबर है कि एक जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक सर्वदलीय बैठक बुला रहे हैं, जो बिहार में जाति जनगणना की रूपरेखा तय करेगी। पहले भाजपा इसका विरोध कर रही थी, अब वह भी इस बैठक में शामिल होगी। नीतीश इस सवाल पर दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुके हैं। जहां तक मोदी का सवाल है, वह जाति जनगणना के पक्के विरोधी हैं। जब 2010 में जाति जनगणना के विरुद्ध मैंने दिल्ली में जन-अभियान शुरू किया तो गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी ने मुझे कई बार फोन किया और हमारे आंदोलन को अपने खुले समर्थन का ऐलान किया। उस आंदोलन में कांग्रेस, भाजपा, समाजवादी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी के अनेक बड़े नेता भी सक्रिय भूमिका अदा करते रहे।

सोनिया गांधी ने न्यूयॉर्क से लौटते ही पहल की और ‘मेरी जाति हिंदुस्तानी’ के आग्रह पर जातीय जनगणना रुकवा दी। मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार ने उन आंकड़ों को प्रकाशित भी नहीं होने दिया, जो हमारे आंदोलन के पहले इकट्ठे हो गए थे। मुझे खुशी है कि नरेंद्र मोदी ने भी अपने प्रधानमंत्री काल में उसी नीति को चलाए रखा। अब नीतीश जो पहल कर रहे हैं, वह बिहार के लिए नहीं, सारे देश के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकती है। यदि जाति जनगणना उन्होंने बिहार में करवा दी तो यह बीमारी सारे भारत में फैल जाएगी। कर्नाटक और तमिलनाडु में उसकी असफल कोशिश हो चुकी है। अब छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र की सरकारें भी इसे अपने यहां करवाना चाहती हैं। यदि सभी प्रांतों में जाति जन-गणना होने लगी तो भारत की एकता के लिए यह विनाशकारी सिद्ध होगी।

जातीय अलगाव मजहबी अलगाव से भी अधिक जहरीला है। पिछली जनगणना में 46 लाख जातियों और उप-जातियों का पता चला था। एक ही प्रांत में एक ही जाति के लोग अलग-अलग जिलों में अपने आपको उच्च या नीच जाति का मानते हैं। गरीबी दूर करने का लक्ष्य धरा का धरा रह जाएगा। आज 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन क्या जाति के आधार पर मिल रहा है? नहीं, गरीबी के आधार पर मिल रहा है। जाति जनगणना हुई तो यह आधार नष्ट हो जाएगा। देश में गरीबी बढ़ेगी।

Web Title: Blog of Vedapratap Vedic Caste based census is Disastrous

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे