ब्लॉग: जी-20 से भारत की मुट्ठी में आईं विकास की नई संभावनाएं

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: September 19, 2023 09:22 AM2023-09-19T09:22:32+5:302023-09-19T09:26:30+5:30

जी-20 से भारत विकासशील देशों, ग्लोबल साउथ के देशों और अफ्रीकी देशों के लिए और महत्वपूर्ण बन गया है।

Blog: G-20 brings new development possibilities to India | ब्लॉग: जी-20 से भारत की मुट्ठी में आईं विकास की नई संभावनाएं

ब्लॉग: जी-20 से भारत की मुट्ठी में आईं विकास की नई संभावनाएं

Highlightsजी-20 से भारत विकासशील देशों, ग्लोबल साउथ के देशों और अफ्रीकी देशों के लिए और महत्वपूर्ण बन गया हैजी-20 में पीएम मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, ब्रिटिश पीएम सुनक की अच्छी वार्ता हुईभारत ने विभिन्न राष्ट्र प्रमुखों के साथ वाणिज्य व कारोबार बढ़ाने संबंधी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ताएं की

यकीनन 9-10 सितंबर को जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन की ऐतिहासिक सफलता के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के तेज विकास की नई संभावनाएं निर्मित हुई हैं। जी-20 से जहां भारत विकासशील देशों, ग्लोबल साउथ के देशों और अफ्रीकी देशों के लिए और महत्वपूर्ण बना है।

वहीं जी-20 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, सऊदी अरब, यूएई और अन्य कई प्रमुख देशों के राष्ट्र प्रमुखों के साथ वाणिज्य व कारोबार बढ़ाने संबंधी द्विपक्षीय वार्ताएं महत्वपूर्ण रही हैं।

इससे भारत के वैश्विक व्यापार, भारत से निर्यात, विदेशी निवेश, विदेशी पर्यटन और भारत के डिजिटल विकास का नया क्षितिज सामने आया है।

गौरतलब है कि जी-20 से दुनिया में ग्लोबल सप्लाई चेन में सुदृढ़ता और विश्वसनीयता के मद्देनजर भारत की अहमियत बढ़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बार फिर क्वाड संगठन के प्रति अपने-अपने देश की न सिर्फ प्रतिबद्धता जताई है बल्कि सीधे तौर पर चीन को यह संदेश भी दिया है कि क्वाड के सदस्य देश अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान आर्थिक रूप से एक दूसरे को और मजबूती देंगे।

इसके साथ ही मौजूदा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवस्था की जगह एक दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था को मूर्त रूप देंगे। दुनिया में यह बात उभरकर सामने आई है कि ‘चीन प्लस वन’ रणनीति के तहत भारत दुनिया के सक्षम व भरोसेमंद देश के रूप में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला वाले देश के रूप में नई भूमिका निभा सकता है। दुनियाभर में कल तक जिस भारत को सिर्फ एक बड़े बाजार के रूप में देखा जाता था, वह अब वैश्विक चुनौतियों के समाधान का हिस्सा है।

जहां 55 देशों के प्राकृतिक संपदा संपन्न अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल कराकर भारत ने वैश्विक पटल पर अपनी कूटनीति का दबदबा बढ़ाया, वहीं चीन के आर्थिक प्रभुत्व वाले अफ्रीकी संघ के देशों में भारत ने चीन का रास्ता रोकने की जोरदार पहल भी की है। अब भारत अफ्रीकी देशों में कृषि, फार्मेसी, टेक्सटाइल, ऑटो मोबाइल ऊर्जा व ढांचागत विकास के क्षेत्र में तेजी से कदम आगे बढ़ाएगा।

यह बात भी महत्वपूर्ण है कि जी-20 में घोषित हुए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (आईएमईसी) के माध्यम से रेल एवं जल मार्ग से भारतीय कंपनियों के लिए नए अवसरों का ऐसा ढेर लगाया जा सकेगा, जिससे चीन की तुलना में भारत की प्रतिस्पर्धा क्षमता भी बढ़ जाएगी। वस्तुतः आईएमईसी चीन के बीआरआई प्रोजक्ट का सबसे बड़ा जवाब भी है। अब आईएमईसी के तहत भारत से पश्चिम एशिया होते हुए यूरोप तक कॉरिडोर बनेगा और रेल लाइनें बिछेंगी।

Web Title: Blog: G-20 brings new development possibilities to India

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