संपादकीयः कांग्रेस के लिए 2019 की बुनियाद राहुल ने रख दी 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 12, 2018 08:01 AM2018-12-12T08:01:18+5:302018-12-12T08:01:18+5:30

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम तथा तेलंगाना विधानसभाओं के चुनावों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी सरकार की लोकप्रियता एवं बतौर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व की अग्निपरीक्षा समझा जा रहा था. केंद्र में बहुमत हासिल करने का रास्ता उ.प्र. के अलावा इन तीन हिंदीभाषी राज्यों से भी गुजरता है.

assembly election results: Rahul Gandhi laid the foundation of 2019 for Congress | संपादकीयः कांग्रेस के लिए 2019 की बुनियाद राहुल ने रख दी 

संपादकीयः कांग्रेस के लिए 2019 की बुनियाद राहुल ने रख दी 

राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही पार्टी में जमीनी स्तर तक जो जान फूंकी, उसके बेहद उत्साहवर्धक नतीजे सामने आए हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को मंगलवार को घोषित पांच राज्यों के चुनाव परिणाम निश्चित रूप से प्रभावित करेंगे. यही नहीं इन चुनाव परिणामों से विपक्षी दलों के बीच नेता के रूप में राहुल की स्वीकार्यता भी निर्विवाद रूप से स्थापित हो जाएगी. 

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम तथा तेलंगाना विधानसभाओं के चुनावों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी सरकार की लोकप्रियता एवं बतौर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व की अग्निपरीक्षा समझा जा रहा था. केंद्र में बहुमत हासिल करने का रास्ता उ.प्र. के अलावा इन तीन हिंदीभाषी राज्यों से भी गुजरता है. हिंदी बेल्ट में कांग्रेस की वापसी 2019 के चुनाव में उसके लिए संभावनाओं के द्वार खोलने वाली है. 

चुनाव प्रचार के स्वरूप पर नजर डालें तो पता चलता है कि राहुल गांधी की रणनीति कारगर रही. उन्होंने राजस्थान, म.प्र. तथा छत्तीसगढ़ में पार्टी के स्थानीय नेतृत्व को फैसले करने व रणनीति बनाने की खुली छूट दी और चुनाव प्रचार की कमान भी इन्हीं नेताओं को सौंपी. भविष्य में इस रणनीति का पार्टी को बहुत फायदा होगा. इसके अलावा राहुल ने स्थानीय मुद्दों के अलावा राफेल विमान सौदे एवं नीरव मोदी, विजय माल्या को हथियार बनाकर मोदी सरकार पर जबर्दस्त हमला बोला. 

उन्होंने किसानों, युवाओं तथा महिलाओं की सही नब्ज पकड़ी. दूसरी ओर भाजपा पूरी तरह प्रधानमंत्री मोदी तथा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर निर्भर रही. राजनीति में राहुल जब से आए हैं, तब से भाजपा उनकी नेतृत्व क्षमता को लेकर न केवल सवाल उठाती रही है बल्कि उनका उपहास भी करती आई है. चुनाव नतीजों से साबित हो गया कि जनता राहुल में देश का भावी नेतृत्व देखती है. नतीजे ये भी साबित करते हैं कि अति आत्मविश्वास कितना नुकसानदेह साबित हो सकता है. 

भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 65, राजस्थान में 150 तथा म.प्र. में 200 पार का नारा दिया था. वह जनता के गुस्से को भांपने में विफल रही और अपने लक्ष्य से बुरी तरह पिछड़ी. ये चुनाव देश की भावी राजनीति का रूप भी तय करेंगे. विपक्ष जो अब तक कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट होने में हिचक रहा था, उसे अब कांग्रेस के झंडे तले ही एकता की पहल करनी होगी. 

राज्यों में कुछ क्षेत्रीय दलों की जड़ें मजबूत हो सकती हैं, लेकिन कांग्रेस की जड़ें पूरे देश में हैं. ये नतीजे भाजपा के लिए करारा सबक हैं तो कांग्रेस के लिए संजीवनी. कांग्रेस को अपनी गतिशीलता का निरंतर विकास करते रहना होगा, तभी 2019 में वह केंद्र में सत्ता की वापसी के लक्ष्य को हासिल कर सकेगी. राहुल गांधी ने 2019 के लिए मजबूत बुनियाद खड़ी कर दी है. उस पर भव्य इमारत बनाना कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का काम है.

Web Title: assembly election results: Rahul Gandhi laid the foundation of 2019 for Congress