अश्वनी कुमार का ब्लॉग: कश्मीरियों की प्रतिष्ठा और गरिमा को कायम रखना जरूरी 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 25, 2019 10:40 AM2019-08-25T10:40:09+5:302019-08-25T10:40:09+5:30

याचिकाकर्ता और जानकारों का मानना है कि अनुच्छेद 370 को हटाना देश के संघीय स्वरूप पर हमला है और कश्मीर की जनता के प्रति अपने ऐतिहासिक दायित्व से मुकरना है. याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 की धारा (3) का इस्तेमाल संवैधानिक गारंटी के मूल को खारिज करने के लिए नहीं किया जा सकता और उसका ऐसा अर्थ लगाना कानूनी दृष्टि से गलत है.

Ashwani Kumar's blog: Maintaining the dignity and dignity of Kashmiris | अश्वनी कुमार का ब्लॉग: कश्मीरियों की प्रतिष्ठा और गरिमा को कायम रखना जरूरी 

अश्वनी कुमार का ब्लॉग: कश्मीरियों की प्रतिष्ठा और गरिमा को कायम रखना जरूरी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द कर उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के पीछे उद्देश्य यह है कि वहां शांति स्थापित हो और लोगों का विकास हो. 

यह निर्णय समय से पहले लिया गया है या इसका समय आ गया था, इसका उत्तर तो इतिहास देगा, लेकिन इसके समर्थन में लोकप्रिय राष्ट्रीय भावना और जनसमर्थन होने के बावजूद, इस प्रक्रिया की संवैधानिक वैधता सवालों के घेरे में है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है.

याचिकाकर्ता और जानकारों का मानना है कि अनुच्छेद 370 को हटाना देश के संघीय स्वरूप पर हमला है और कश्मीर की जनता के प्रति अपने ऐतिहासिक दायित्व से मुकरना है. याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 की धारा (3) का इस्तेमाल संवैधानिक गारंटी के मूल को खारिज करने के लिए नहीं किया जा सकता और उसका ऐसा अर्थ लगाना कानूनी दृष्टि से गलत है. संविधान के अनुसार भारत का स्वरूप संघराज्य का है और राज्यों को पुनर्गठित करते समय संप्रभु सत्ता का इस्तेमाल इसके पहले कभी भी राज्यों का दर्जा कम करने के लिए नहीं किया गया है.

मुख्य आपत्ति यह है कि संविधान के तहत जरूरी होने के बावजूद, राज्य की जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों को दरकिनार कर केंद्र सरकार ने एकतरफा निर्णय लेते हुए ऐसा किया है.

इस निर्णय के समर्थन में संसद में बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को सामाजिक और आर्थिक न्याय, लैंगिक समानता, सुव्यवस्था प्रदान करने के साथ संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत प्राप्त समानता के अधिकार के अंतर्गत  विकास का पूर्ण लाभ देना है. 

दावा किया गया कि पिछले 70 वर्षो में जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष दज्रे और विशेषाधिकारों से वहां को जनता को विशेष लाभ नहीं हुआ है, इसलिए समय आ गया है कि राज्य में शांति लाने और स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाए जाएं. 

इस निर्णय के समर्थन में सरकार का बुनियादी तर्क यह है कि जब राष्ट्र और लोकतंत्र समकालीन परिस्थितियों के अनुसार विकसित होते हैं तो संविधान को पुराने समय में फ्रीज नहीं किया जा सकता. स्थिर समाज धीरे-धीरे कुंठित होता जाता है, इसलिए भावी पीढ़ी को इतिहास में न बंधते हुए अपने अनुभव से आगे का मार्ग खोजना चाहिए. सरकार का कहना है कि अनुच्छेद 370 को एक अस्थायी संवैधानिक उपाय बताया गया है जिसकी प्रयोज्यता और प्रभावकारिता का सरकार मूल्यांकन कर सकती है.

केंद्र सरकार यह तर्क दे सकती है कि यह भारत की एकता के हित में लिया गया राजनीतिक निर्णय है. अदालत को इस विषय में संवैधानिक न्यायशास्त्र का हवाला देते हुए राजनीतिक मामलों में न पड़ने का आग्रह किया जा सकता है और यह भी कहा जा सकता है कि  संवैधानिक गारंटी समय के हिसाब से बदल सकती है. हम जानते हैं कि जिस प्रकार सामाजिक वास्तविकता में परिवर्तन जीवन का नियम है, उसी प्रकार, इस परिवर्तन को स्वीकार करना भी जीवन का नियम है. वास्तव में न्यायिक समीक्षा की व्यापक शक्ति ही इस आधार पर आगे बढ़ती है कि एक जीवंत संविधान नए संदर्भ में नया अर्थ देता है. सर्वोच्च न्यायालय ने इस खतरे के प्रति आगाह किया है कि स्थिर न्यायिक व्याख्या से संविधान का अर्थ निर्थक हो जाने का खतरा है.

सरकार के सामने चुनौती यह है कि वह  कोई भी हड़बड़ी दिखाए बिना कश्मीरी जनता की प्रतिष्ठा और गरिमा को बनाए रखते हुए उनकी राजनिष्ठा हासिल करे. प्रधानमंत्री ने इस संबंध में जो आश्वासन दिए हैं, उम्मीद की जानी चाहिए कि उन्हें पूरा किया जाएगा. इसी से उदारमतवादी और आदर्श मूल्यों की संवाहक के रूप में भारतीय संस्कृति की विशिष्टता भी सिद्ध होगी. 

Web Title: Ashwani Kumar's blog: Maintaining the dignity and dignity of Kashmiris

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे