ब्लॉग: आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता एक और कदम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 30, 2024 07:27 IST2024-10-30T07:27:34+5:302024-10-30T07:27:39+5:30
यह उद्यम सिर्फ भारत और स्पेन के रिश्तों को ही मजबूत नहीं करेगा, बल्कि सरकार के मिशन ‘मेक इन इंडिया, मेक फाॅर द वर्ल्ड’ को भी सशक्त करेगा.

ब्लॉग: आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता एक और कदम
निजी क्षेत्र में बड़े सैन्य विमान बनाने का भारत का सपना जल्दी ही साकार होने जा रहा है. भारतीय सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करना भारत सरकार के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है. इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के राष्ट्रपति ने गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड का उद्घाटन किया. टाटा के इस प्लांट में एयरबस की सहायता से सी-295 विमानों का निर्माण होगा.
इन विमानों में समकालीन तकनीक है, जिसे सामरिक परिवहन विमान के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिसे सैन्य परिस्थितियों में कर्मियों और कार्गो की आवाजाही के लिए डिजाइन किया गया है. यह उद्यम सिर्फ भारत और स्पेन के रिश्तों को ही मजबूत नहीं करेगा, बल्कि सरकार के मिशन ‘मेक इन इंडिया, मेक फाॅर द वर्ल्ड’ को भी सशक्त करेगा. यह रक्षा क्षेत्र में अपनी तरह का पहला और सबसे बड़ा निवेश है, जो देश के घरेलू रक्षा और विमानन विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र की उन्नति को बढ़ावा देता है.
टाटा-एयरबस सी-295 विनिर्माण सुविधा भारतीय निजी क्षेत्र को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विमानन उद्योग में प्रवेश करने का एक शानदार अवसर प्रदान करती है. निश्चित ही भारत के विमानन क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. हम पहले से ही दुनिया की बड़ी विमानन कंपनियों के लिए कलपुर्जों के बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक हैं. इस नए विमान संयंत्र से भारत में नए कौशल और नए उद्योगों को बहुत बल मिलेगा. इससे रक्षा निर्यात में भारत की स्थिति और मजबूत होगी. जैसा कि प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि उड्डयन और विमानों के रखरखाव व मरम्मत का हब बनाने का भी काम हो रहा है. यह इकोसिस्टम भविष्य में मेड इन इंडिया नागरिक विमानों का रास्ता भी बनाएगा. इस संयंत्र से हजारों रोजगार सृजित होंगे.
10 वर्ष पहले कोई कल्पना भी नहीं कर पाता कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन हो सकता है. बीते दशक में देश ने ऐसे अनेक फैसले लिए, जिससे भारत में एक वाइब्रेंट डिफेंस इंडस्ट्री का विकास हुआ. निजी क्षेत्र को भागीदारी दी और सरकारी उपक्रमों को प्रभावशाली बनाया. भारत में सैन्य विमानन अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है, और हाल ही में ‘आत्मनिर्भर’ पहल के माध्यम से प्रोत्साहन के साथ, इस क्षेत्र में बहुत तेजी से विकास होने की उम्मीद है.
निजी क्षेत्र को शामिल करने के साथ घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए समकालीन प्रौद्योगिकी को शामिल करने से निश्चित रूप से भारत में आवश्यक अनुसंधान और विकास पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा समर्थित स्वदेशी विनिर्माण बुनियादी ढांचे की स्थापना को एक जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा. निश्चित तौर पर यह उद्यम घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाएगा जिससे आयात निर्भरता कम होगी और देश के रक्षा निर्यात में वृद्धि होगी.