सारंग थत्ते का ब्लॉग: वायुसेना में दुर्घटनाएं कब थमेंगी?

By सारंग थत्ते | Published: April 3, 2019 06:51 AM2019-04-03T06:51:59+5:302019-04-03T06:51:59+5:30

इस वर्ष (फरवरी और मार्च के महीनों में) मिग-21 और मिग-27 दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं. इस वर्ष के 90 दिनों में भारतीय वायुसेना ने  कुल 9 जहाज खो दिए हैं और 8 पायलट मारे गए हैं. यह चिंता का विषय है.

Another Mig fighter jet crash in rajasthan when air force air accident will stop | सारंग थत्ते का ब्लॉग: वायुसेना में दुर्घटनाएं कब थमेंगी?

सारंग थत्ते का ब्लॉग: वायुसेना में दुर्घटनाएं कब थमेंगी?

इस रविवार राजस्थान के पश्चिमी अंचल में बसे उत्तरलाई वायुसेना अड्डे से सुबह 11:27 बजे एक मिग-27 लड़ाकू विमान ने उड़ान भरी और लगभग 18 मिनट बाद पायलट ने  इंजन खराबी का रेडियो संदेश देते हुए पैराशूट से कूदकर अपने आप को लड़ाकू विमान से मुक्त किया.

नुकसान स्वरूप भारतीय वायुसेना का एक मिग-27 (यू पी जी) - अर्थात अपग्रेडेड लड़ाकू विमान वीरान इलाके में जमींदोज हो गया. यह लड़ाकू विमान वायुसेना के स्कॉर्पियन स्क्वाड्रन का था, उम्मीद है कि अगले साल मिग-27 के इस अंतिम स्क्वाड्रन नंबर 29 को  समाप्त किया जाएगा.

इस हादसे ने एक बार फिर पुराने हो चुके मिग लड़ाकू हवाई जहाजों की काबिलियत पर सवालिया निशान लगाया है. क्या इंजन और लड़ाकू विमान के हिस्से पुर्जो की उड़ानपूर्व जांच सही रूप में होती रही है?

एचएएल जो इन पुराने हो चुके लड़ाकू विमानों की मरम्मत और उन्नतिकरण के लिए जिम्मेदार है, क्या अपना कार्य सौ फीसदी सही कर रहा है? 

भारतीय वायुसेना में मिग लड़ाकू विमानों का पदार्पण 1962 के भारत- चीन सीमा संघर्ष के बाद की देन है. भारतीय वायुसेना का सोवियत रूस की लड़ाकू हवाई जहाज बनाने वाली कंपनी मिकोयन एंड गुरेविच डिजाइन ब्यूरो से मिग युद्धक जहाज निर्माण का सिलसिला अगस्त 1962 में शुरू हुआ.

हमने पहली बार रूस के साथ सहयोग के लिए समझौते पर दस्तखत किए थे. यह वह दौर था जब हम चीन के साथ जंग में उलङो हुए थे.   

पूर्व रक्षामंत्नी ए के एंटोनी द्वारा संसद में 2012 में दी गई जानकारी के अनुसार 1971 से अप्रैल 2012 तक 482 मिग लड़ाकू विमान हादसे का शिकार होकर दुर्घटनाग्रस्त हुए थे जिसमें 171 पायलट मारे गए थे.

यह संख्या बेहद चौंकाने वाली है. भारतीय वायुसेना के चर्चित मिग सुपरसोनिक लड़ाकू हवाई जहाज अब धीरे-धीरे रिटायर किए जा रहे हैं. पुराने हो चुके इन जहाजों के हिस्से पुज्रे व रखरखाव में कमी देखी गई है.  

इस वर्ष (फरवरी और मार्च के महीनों में) मिग-21 और मिग-27 दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं. इस वर्ष के 90 दिनों में भारतीय वायुसेना ने  कुल 9 जहाज खो दिए हैं और 8 पायलट मारे गए हैं. यह चिंता का विषय है.

आशा की जानी चाहिए कि वायुसेना प्रमुख इस मामले की संजीदगी को देखते हुए इनकी उड़ान पर रोक लगाएंगे और सभी जहाजों की उड़ान काबिलियत और क्षमता की समीक्षा की जाएगी. 

Web Title: Another Mig fighter jet crash in rajasthan when air force air accident will stop

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