पांच राज्यों में चुनाव हारने से नरम पड़े अमित शाह के तेवर, ठंडे अंदाज में की राफेल पर पीसी
By जनार्दन पाण्डेय | Published: December 14, 2018 01:57 PM2018-12-14T13:57:35+5:302018-12-14T13:57:35+5:30
कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनकर गिरने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी तब भी उनके तेवर नरम थे।
अर्से बाद शुक्रवार (14 दिसंबर) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पत्रकारों को बिना जलील किए उनके एक-एक सवालों का बड़े तल्लीनता से जवाब दिया। उन्होंने एक बार भी "बता तो चुके हैं। कितनी बार बताएं।, ये आप उनसे जाकर पूछिए ना भइया, कुछ तो हमें करने दीजिए, सब आप ही कर देंगे।" जैसे वक्य नहीं बोले।
बल्कि वे कहते रहे कि मीडिया की अपनी जिम्मेदारी है। मीडिया को जाकर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीराहुल गांधी से यह पूछना चाहिए कि राफेल डील को लेकर जो आरोप वे लगाते हैं, उनकी जानकारियों का स्रोत क्या होते हैं।
वे बड़े ही शालीन तरीके से पत्रकारों के सवालों को सुने और एक ही जवाब- राहुल गांधी को उनके सोर्स ऑफ इनफॉर्मेशन बताने चाहिए, कहते रहे। मुमकिन है कि पत्रकारों को यह पहले ही ब्रीफ कर दिया गया हो कि पांच राज्यों में चुनाव हारने को लेकर कोई सवाल नहीं पूछेगा।
कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनकर गिरने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी तब भी उनके तेवर नरम थे। लेकिन वे बार-बार यह कहते रहे थे कि कांग्रेस और जनता दल यूनाइटेड (जेडीएस) का गठबंधन पवित्र नहीं है।
लेकिन बीते कई महीनों बाद अमित शाह ने अपनी पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस एक बार भी आवेशित हुए बगैर, सुप्रीम कोर्ट की ओर से राफल डील मसले में केंद्र सरकार को क्लिनचित मिलने के बाद भी, सदन में राहुल गांधी की ओर से चिल्ला-चिल्लाकर राफेल में घोटाले की दहाड़ लगाने का जवाब बड़े सरल शब्दों में दे रहे थे।
उन्होंने राहुल गांधी की ओर से कई सभाओं में चौकीदार चोर है के नारे का जवाब बड़े नरम अंदाज में कहा, जिनको चौकीदार डर है, वे ऐसे नारे लगवाते हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह का बर्ताव एकदम उलट कहानी बयान करता है। कुछ दिनों पहले एकदम यही स्थिति कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की थी। बीजेपी उनपर पूरे दहाड़कर आरोप लगाती थी और वे बड़े प्यार से इसका जवाब देते।
अब राहुल गांधी दहाड़कर पीएम मोदी पर आरोप लगा रहे हैं, बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं और अमित शाह उदासीन अंदाज में उनका जवाब दे रहे हैं।