World Vegetarian Day: प्रत्येक वर्ष एक अक्तूबर को विश्व शाकाहारी दिवस मनाया जाता है. इस दिवस की स्थापना 1977 में उत्तर अमेरिकी शाकाहारी सोसाइटी (एनएवीएस) द्वारा की गई थी. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को शाकाहारी भोजन के महत्व के बारे में जागरूक करना तथा जानवरों के प्रति उनके मन में दया की भावना को प्रोत्साहित करना है. हमारे देश की एक प्रचलित कहावत है कि ‘जैसा खाए अन्न, वैसा होए मन’, यानी हम जैसा भोजन ग्रहण करते हैं, वो केवल हमारे तन को ही नहीं, बल्कि हमारे मन को भी प्रभावित करता है.
कई अध्ययनों से पता चला है कि शाकाहारी लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मांसाहारियों की तुलना में अधिक मजबूत होती है. शाकाहार कई बीमारियों से बचाव करता है. एक शोध में यह बात सामने आई है कि शाकाहार कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है. यह कैंसर के खतरे को 40 फीसदी कम कर देता है. आजकल दुनिया भर में वीगन डाइट का प्रचलन बढ़ रहा है.
वीगन डाइट में पशुओं से मिलने वाले किसी भी उत्पाद का सेवन नहीं किया जाता. इसमें मांस, मछली, अंडे के साथ-साथ डेयरी प्रोडक्ट यानी दूध, दही, घी, पनीर आदि का सेवन भी वर्जित होता है. इस डाइट में केवल फल, सब्जियां, फलियां, अनाज और मेवे आदि खाए जा सकते हैं. दरअसल वीगन लोग पशु कल्याण और पर्यावरणीय चिंताओं के कारण शाकाहारी आहार अपनाते हैं.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार, जब एक व्यक्ति वीगन भोजन अपनाता है तो कार्बन फुटप्रिंट में 73 फीसदी की कमी होती है. शाकाहारी भोजन कई प्रकार से स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है. शाकाहारी भोजन में आमतौर पर मांसाहारी भोजन की अपेक्षा कम कोलेस्ट्रॉल, कम वसा और अधिक फाइबर होता है.
इसीलिए शाकाहारी भोजन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है. ये रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद करता है. इसी वजह से शाकाहारी भोजन करने वालों को हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह तथा कैंसर का खतरा कम होता है. शाकाहारी भोजन वजन घटाने तथा वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है.
क्योंकि इसमें फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है तथा कैलोरी की मात्रा कम होती है. शाकाहारी भोजन पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है. मांस उत्पादन से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में काफी वृद्धि होती है. शाकाहारी भोजन में पशुधन उत्पादन के लिए आवश्यक भूमि, पानी और अन्य संसाधनों की आवश्यकता कम होती है.