जहरीले कृत्रिम कूल्हों के दुष्परिणाम

By वेद प्रताप वैदिक | Published: August 28, 2018 02:53 AM2018-08-28T02:53:14+5:302018-08-28T02:53:14+5:30

भारत के 4700 रोगियों में से सिर्फ1080 रोगियों के नाम-पतों का पता चला है।  शेष के बारे में सरकार के पास जानकारी नहीं है। नागरिक कृपया सरकार को जानकारी देने का कष्ट करें।  

Side effects of poisonous artificial hips | जहरीले कृत्रिम कूल्हों के दुष्परिणाम

जहरीले कृत्रिम कूल्हों के दुष्परिणाम

रोगियों को कृत्रिम अंग लगाने में कई पश्चिमी कंपनियों ने कमाल का काम किया है।  इन कंपनियों के बनाए घुटने, कूल्हे, दांत-दाढ़, हृदय-उपकरण और न जाने क्या-क्या ने मानव जाति का बहुत कल्याण किया है लेकिन कई बार उनकी लापरवाही और मुनाफाखोरी के कारण हजारों-लाखों लोग सदा के लिए अपंग हो जाते हैं।  

ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला अमेरिका की एक कंपनी का अभी सामने आया है।  यह कंपनी कृत्रिम कूल्हे बनाती है। इसके कूल्हे सारी दुनिया में लाखों की संख्या में बिकते हैं।  एक-एक कूल्हे की कीमत लाखों में होती है लेकिन 2010 में पाया गया कि इसके कूल्हों में जबर्दस्त खामियां हैं। 

 उसमें लगी धातुओं में एक किस्म का जहर होता है, जो रोगी को अपंग बना देता है, उसकी मानसिक स्थिति को बिगाड़ देता है और उसे स्थायी रोगी बना देता है।  

जब कुछ अमेरिकी रोगियों ने शिकायत की और इस कंपनी के पीछे पड़े तो उसने सारे कृत्रिम घुटने वापस मंगवाए और रोगियों को भारी मुआवजा दिया।  उसने 8000 रोगियों को 2500 करोड़ रु का हर्जाना दिया और छह रोगियों को लगभग पांच-पांच करोड़ रु दिए जबकि भारतीय रोगियों को सिर्फ 20-20 लाख रु।  देने का सुझाव हमारे स्वास्थ्य मंत्नालय के विशेषज्ञों ने दिया है। 

 भारत के 4700 रोगियों में से सिर्फ1080 रोगियों के नाम-पतों का पता चला है।  शेष के बारे में सरकार के पास जानकारी नहीं है। नागरिक कृपया सरकार को जानकारी देने का कष्ट करें।  

मुंबई के रोगी विजय वोझला बधाई के पात्न हैं कि उन्होंने दो साल तक संघर्ष किया और संबंधित कंपनी को अपनी गलती मंजूर करने के लिए बाध्य किया।  आश्चर्य है कि हमारे मेडिकल इंस्टीट्यूट्स और हमारी सरकार ने इस गलती को तुरंत क्यों नहीं पकड़ा? 

हम आंख मींचकर विदेशी चीजों को क्यों स्वीकार कर लेते हैं? क्या यह हमारी बौद्धिक गुलामी का प्रतीक नहीं है? 

Web Title: Side effects of poisonous artificial hips

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