'राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे': इंसान रूपी भगवान को सलाम!

By विवेकानंद शांडिल | Published: July 1, 2021 08:20 AM2021-07-01T08:20:02+5:302021-07-01T08:29:34+5:30

करीब ढ़ेर साल से ज्यादा समय से देश और दुनिया भर के डॉक्टर एक - एक जान को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे है। अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं।

National doctor's day 2021 Salute to God in human form | 'राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे': इंसान रूपी भगवान को सलाम!

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsदेश में हर साल एक जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। डॉक्टर और स्वतंत्रता सेनानी डॉ. विधान चंद्र राय को भी याद किया जाता है। कोरोना काल में डॉक्टर्स ने लोगों की जान बचाने के लिए संघर्ष किया है।

एक डॉक्टर और वैद्य भगवान का रूप होता है, वैसे तो हमारे यहां ये सदियों से माना जाता रहा है। लेकिन भीषण कोरोना महामारी में दुनियाभर के लोंगो ने इसे एहसास किया है। करीब ढ़ेर साल से ज्यादा समय से देश और दुनिया भर के डॉक्टर एक - एक जान को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे है। अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं। उनके साथ - साथ उनके परिवार भी इस जोखिम को उठा रहे हैं। इस अदृश्य वायरस से मानवता की रक्षा करते करते देश - दुनिया के सैकड़ों डॉक्टरों ने कोरोना वायरस से लोंगो को बचाते बचाते अपने प्राण त्यागे हैं। 

वीर जवानों की तरह कर रहे मानवता की रक्षा

इनका समर्पण भी देश की रक्षा में शहीद हुए जवानों से कम नहीं है।कोरोना की पहली लहर के दौरान जब देश में पीपीई किट समेत अन्य संसाधनों का अभाव था तब भी हमारे डॉक्टर पीछे नहीं हटे वो लगातार मानवता की रक्षा में जुटे रहे। जैसे सीमा पर सैन्य संसाधनों के अभाव में भी सेना के जवान दुश्मनों से लोहा लेते रहे हैं।

जब जब महामारी का संकट आया, डॉक्टरों ने जीवन दांव पर लगाया

बीमारी नई ज़रूर है लेकिन मानवता की रक्षा में जुटे दुनियाभर के डॉक्टरों का ये इरादा नया नहीं है। दुनियाभर में जब जब इस तरह की महामारी आई है । डॉक्टरों ने अपने जीवन को दांव पर लगा मानवता की रक्षा की। चेचक, टीबी, स्वाइन फ्लू ऐसे कई महामारी उदाहरण है। ये वो दौर था जब स्वास्थ्य संसाधनों के मामले में आज के मुकाबले काफी अभाव था।

1 जुलाई को इसलिए मनाया जाता है  'राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे' 

डॉक्टरों के इसी त्याग और समर्पण भाव को लेकर भारत में हर साल 1 जुलाई को 'राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे' मनाया जाता है। इस दिन को महान स्वतंत्रता सेनानी व भारतरत्न डॉ.विधान चंद्र राय को भी याद किया जाता है। विधान चंद्र राय एक स्वतंत्रता सेनानी के साथ - साथ एक अच्छे डॉक्टर भी थे। आजादी के बाद उन्होंने अपने जीवन को बतौर डॉक्टर मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। 

शक नहीं सम्मान के हकदार है डॉक्टर्स

आज महज कुछ मुट्ठी भर लोग जिनके पैसे कमाने की चाहत की वजह से ये पवित्र पेशा शक की निगाहों में है। लेकिन आज भी डॉक्टर्स हमारे लिए इस धरती पर देवतुल्य है। इंसान के भेष में भगवान का रूप है। कुछ मुट्ठी भर लोगों की वजह से हमें इन्हें शक की निगाहों से नहीं सम्मान के भाव से देखना चाहिये। उन्हें उनके त्याग और समर्पण का सम्मान किया जाना चाहिए। 

Web Title: National doctor's day 2021 Salute to God in human form

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