डॉ. नीलम महेंद्र का ब्लॉग: आधुनिक तकनीक से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 19, 2021 01:24 PM2021-03-19T13:24:12+5:302021-03-19T13:26:27+5:30

प्रधानमंत्री ई-विद्या योजना के तहत डिजिटल शिक्षा एजुकेशन चैनल, कम्युनिटी रेडियो जैसे माध्यमों से दी जाएगी जिसमें हर कक्षा के लिए एक चैनल होगा.

Blog of Dr. Neelam Mahendra: Revolutionary change in the field of education with modern technology | डॉ. नीलम महेंद्र का ब्लॉग: आधुनिक तकनीक से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

देश भर में बोर्ड परीक्षाओं की घोषणा के साथ ही वर्तमान शिक्षा सत्न समाप्ति की ओर है. आजाद भारत के इतिहास में यह पहला ऐसा सत्न है जो स्कूल से नहीं बल्कि ऑनलाइन संचालित हुआ है.

दरअसल, कोरोना काल वाकई में सभी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है, हमारे बच्चों के लिए भी, उनके शिक्षकों के लिए भी और अभिभावकों के लिए भी. लेकिन इसके बावजूद आज अगर हम पीछे मुड़कर बीते हुए साल को एक सकारात्मक नजरिए से देखें तो कह सकते हैं कि कोरोना काल भले ही हमारे सामने एक चुनौती के रूप में आया हो परंतु यह काल अनजाने में शिक्षा के क्षेत्न में हमारे छात्नों के लिए अनेक नई राहें और अवसर भी लेकर आया है.

देखा जाए तो जीतने वाले और हारने वाले में यही तो अंतर होता है कि हारने वाला संकट के आगे घुटने टेक देता है जबकि जीतने वाला उस संकट में अवसर तलाश लेता है. इसलिए आज अगर यह कहा जाए कि कोरोना काल में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी.

आधुनिक टेक्नोलॉजी के दम पर आज हमारे छात्नों के सामने शिक्षा हासिल करने के विभिन्न मंच और माध्यम उपलब्ध हैं. स्कूल की कक्षाएं जो ऑनलाइन चल रही थीं उसके अलावा छात्नों के पास आज ये विकल्प हैं कि वे किस विषय को किस से और कब पढ़ना चाहते हैं.

यूट्यूब पर विभिन्न विषयों के विभिन्न जानकारों द्वारा अनेक वीडियो आसानी से उपलब्ध हैं, वह भी बिना किसी शुल्क के. सोचिए कि एक छात्न के लिए इससे बेहतर क्या हो सकता है? शायद कुछ नहीं. शायद इसलिए हमारे छात्रों ने भी इस अवसर का भरपूर फायदा उठाया.

परिणामस्वरूप कोरोना काल का यह काल हमारी युवा पीढ़ी में सकारात्मक बदलाव के उस दौर का साक्षी बना कि जब यूट्यूब पर फिल्मी नॉन फिल्मी गानों के बजाय एजुकेशनल वीडियो ट्रेंड करने लगे और यूट्यूब ने शिक्षा के लेटेस्ट प्लेटफार्म का रूप ले लिया.

लेकिन यहां यह उल्लेख करना भी आवश्यक है कि आज आधुनिक तकनीक से शिक्षा हासिल करने के लिए सिर्फ यूट्यूब ही एकमात्न प्लेटफार्म नहीं रह गया है. सरकार ने भी वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए और विशेष रूप से उन छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जो आर्थिक रूप से उतने सक्षम नहीं हैं या फिर जिन्हें लैपटॉप, स्मार्टफोन, इंटरनेट, ब्रॉडबैंड जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, उन तक भी शिक्षा की उपलब्धता हो, इस हेतु अनेक सरल माध्यमों से शिक्षा देने के उद्देश्य से विभिन्न कदम उठाए हैं.

जैसे ई पाठशाला पोर्टल, जिसमें कक्षा एक से बारहवीं तक की एनसीईआरटी की किताबें और संबंधित सामग्री उपलब्ध है. स्वयं पोर्टल, जिस पर 9 वीं कक्षा से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक पढ़ाए जाने वाले विभिन्न एकेडमिक कोर्सेस और डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध हैं.

इसी प्रकार प्रधानमंत्री ई-विद्या योजना के तहत डिजिटल शिक्षा एजुकेशन चैनल, कम्युनिटी रेडियो जैसे माध्यमों से दी जाएगी जिसमें हर कक्षा के लिए एक चैनल होगा. दिल्ली सरकार ने तो विश्व का पहला वर्चुअल स्कूल खोलने की घोषणा कर दी है जहां ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी और इसमें देश भर के बच्चे पढ़ सकेंगे.

लेकिन पढ़ाई के अलावा कोविड -19 की मौजूदा परिस्थितियों में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्नालय द्वारा ‘मनोदर्पण’ पहल की भी शुरुआत की गई है जो छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के मानसिक एवं भावनात्मक कल्याण के लिए एक स्थायी मनोसामाजिक सहायता प्रणाली के रूप में कार्य करेगी.

आज हमारे छात्रों के पास ज्ञान और शिक्षा दोनों के असीमित स्रोत मौजूद हैं जो पहले भी थे लेकिन शायद अव्यावहारिक प्रतीत होते थे. कोरोना काल ने उन्हें प्रासंगिक बना दिया.

Web Title: Blog of Dr. Neelam Mahendra: Revolutionary change in the field of education with modern technology

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