ब्लॉग: धमकी भरे फोन कॉल्स गहरी साजिश का हो सकते हैं हिस्सा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 20, 2024 11:15 AM2024-06-20T11:15:39+5:302024-06-20T11:15:45+5:30
सरकार को इस साजिश की तह में जाना होगा ताकि राष्ट्रविरोधी तत्वों का पर्दाफाश किया जा सके। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटीज का प्रस्ताव इस समस्या का ठोस समाधान नहीं हो सकता।
विमान या हवाई अड्डे पर बम रखे जाने की झूठी जानकारी या धमकी देने वालों के लिए भारत में हवाई यात्रा पर पांच साल तक प्रतिबंध लग सकता है। हवाई अड्डों तथा विमानों की सुरक्षा से जुड़े ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटीज की सिफारिश को अगर सरकार मान लेती है तो इस तरह की हरकतों पर लगाम कसने में आंशिक मदद मिल सकती है। लेकिन समस्या पूरी तरह हल नहीं हो पाएगी।
ब्यूरो की इस सिफारिश से समस्या की जड़ पर प्रहार नहीं होता। ब्यूरो ने नागरी उड्डयन तथा गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजकर विमानों तथा हवाई अड्डों को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले फोन कॉल्स पर गहरी चिंता जताते हुए ऐसी हरकतों पर जल्दी से जल्दी लगाम लगाने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया है।
प्रस्ताव को हरी झंडी का इंतजार है। इस बीच हवाई अड्डों, विमानों, स्कूलों, अस्पतालों तथा महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थलों में बम रखे होने या उन्हें बम से उड़ा देने की धमकी भरे फोन काल्स की संख्या निरंतर बढ़ रही है। आधुनिक तकनीक से यह तुरंत पता लगाया जा सकता है कि ऐसे फोन कॉल्स कहां से आए थे, किसके फोन से किए गए थे।
पिछले दो माह में देश के विभिन्न शहरों में ऐसे धमकी भरे फोन कॉल्स की संख्या तीन सौ से ज्यादा हो गई है, मगर दोषी तत्वों को पकड़ने की दिशा में ठोस सफलता अब तक नहीं मिली है। फोन करनेवाले तकनीकी रूप से ज्यादा माहिर लगते हैं क्योंकि तमाम कोशिशों के बावजूद उन तक पहुंचने में ज्यादा सफलता नहीं मिली है।
अब तक सिर्फ छह गिरफ्तारियां हुई हैं और उनसे पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि इन हरकतों के पीछे देश में अव्यवस्था या दहशत फैलाने की गहरी साजिश तो नहीं रची जा रही है। ताजा घटनाओं में मंगलवार को दिल्ली और नागपुर सहित देश के 40 हवाई अड्डों को बम से उड़ाने की धमकी भरे फोन कॉल आए. इससे विमान सेवाएं प्रभावित हुईं, हवाईअड्डों पर अफरा-तफरी मची, यात्रियों में दहशत फैल गई।
जांच के बाद हालांकि कहीं कोई बम या अन्य विस्फोटक सामग्री नहीं मिली लेकिन पिछले कुछ महीनों से जो भी लोग ऐसी हरकतें कर रहे हैं, वे एक तरह से सरकार को चुनौती दे रहे हैं। फोन कॉल्स के माध्यम से अतिविशिष्ट व्यक्तियों की हत्या या सार्वजनिक स्थलों एवं प्रणालियों को ध्वस्त करने की धमकी पहले भी दी जाती रही है लेकिन उनकी संख्या नगण्य थी। ऐसे लोग पकड़ में भी आ जाते थे और जांच से पता चलता था कि गुस्से में या किसी से बदला लेने की भावना से उन्होंने ऐसा अतिरंजित कदम उठाया था। हाल के महीनों में तो ऐसे कॉल्स की बाढ़ सी आ गई है।
पहले स्कूलों तथा बड़े अस्पतालों में बम रखे होने या उन्हें उड़ा देने वाले कॉल्स एक साथ बड़ी तादाद में आने लगे। अब हवाई अड्डों तथा विमानों को लेकर ऐसे धमकी भरे फोन कॉल्स आने लगे हैं। चाहे कोई सार्वजनिक स्थल हो या ट्रेन अथवा हवाई जहाज, बम की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां कोई खतरा मोल नहीं लेतीं और पूरी जांच-पड़ताल करती हैं।
पिछले एक वर्ष में भारत में सार्वजनिक स्थलों तथा ट्रेन, बसों एवं हवाई अड्डों व विमानों में बम रखे होने के डेढ़ हजार से ज्यादा फोन कॉल्स मिले हैं। जांच के बाद एक भी मामले में कहीं भी बम नहीं मिला। इसके बावजूद हाथ पर हाथ धरे बैठे रहा नहीं जा सकता क्योंकि यह मसला हजारों लोगों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
भूतकाल में विमानों और ट्रेनों को बम से उड़ाने की दिल दहला देने वाली घटनाएं हो चुकी हैं। अत: ऐसे कॉल्स को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एक बात जरूर है कि जिस संख्या और जिस तेजी के साथ ऐसे कॉल्स आ रहे हैं, वे देश की व्यवस्था को चरमराने की गहरी साजिश का हिस्सा लगते हैं।
सरकार को इस साजिश की तह में जाना होगा ताकि राष्ट्रविरोधी तत्वों का पर्दाफाश किया जा सके। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटीज का प्रस्ताव इस समस्या का ठोस समाधान नहीं हो सकता।