GUNAH Cyber Crime: इसे लापरवाही कहें डर कहें या फिर अज्ञानता?
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: January 25, 2025 06:59 IST2025-01-25T06:58:08+5:302025-01-25T06:59:20+5:30
GUNAH Cyber Crime: ठगी धड़ल्ले से हो रही है और आश्चर्यजनक बात है कि पढ़े-लिखे लोग इसके शिकार हो रहे हैं.

सांकेतिक फोटो
GUNAH Cyber Crime: कहावत है कि सतर्कता हटी, दुर्घटना घटी. देश भर में बड़े पैमाने पर हो रही साइबर ठगी को इस नजरिए से भी देख सकते हैं क्योंकि यह अज्ञानता, लापरवाही और डर का मिलाजुला मामला है. साइबर ठग इन्हीं तीनों बातों का फायदा उठाते हैं. अभी-अभी नागपुर में एक सेवानिवृत्त अधिकारी डिजिटल अरेस्ट के नाम पर इस तरह की ठगी का शिकार हो गया और बड़ी राशि गंवा बैठा. इस तरह की ठगी धड़ल्ले से हो रही है और आश्चर्यजनक बात है कि पढ़े-लिखे लोग इसके शिकार हो रहे हैं.
यह इतना गंभीर मामला बन चुका है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस समस्या का जिक्र किया था और लोगों से कहा कि डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई चीज होती ही नहीं है. देशवासियों को सतर्क रहना चाहिए. इतना ही नहीं अब तो आप किसी को फोन लगा रहे हैं तो सबसे पहले साइबर ठगी से बचाव के संदेश भी सुनाए जा रहे हैं.
अखबारों में रोज खबरें छप रही हैं, टीवी और वेब मीडिया पर इसकी चर्चा हो रही है. यहां तक कि डिजिटल अरेस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा रही है, इसके बावजूद यदि लोग शिकार हो रहे हैं तो बहुत साफ है कि यह लापरवाही, डर और अज्ञानता का परिणाम है. उदाहरण के लिए यदि कोई ठग आपसे कहता है कि सिमकार्ड मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में आपका नाम आया है तो आप डरते क्यों हैं?
मान लीजिए कि किसी ने धोखाधड़ी से आपके नाम पर वास्तव में कोई सिम जारी करवा लिया है तो आपको डरने की क्या जरूरत है? आपने तो कुछ गलत किया नहीं है! जो व्यक्ति आपको फोन पर डरा रहा है, उसकी शिकायत आप पुलिस में कर सकते हैं. ऐसा कोई भी फोन आए तो थोड़ी देर शांति से सोच तो सकते हैं. किसी दोस्त या पड़ोसी से बात कर सकते हैं.
तो सबसे पहली जरूरत यह है कि आप डरना बंद करें. अपने देश में पुलिस, प्रशासन से लेकर सरकार तक का पूरा तंत्र है जिसका मूल दायित्व आपकी रक्षा करना है. किसी एजेंसी के नाम से घबराने का मतलब ही नहीं है. दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि जब भी आप फोन उठाते हैं तो देखिए कि कहीं वह विदेश से तो नहीं है?
इन दिनों नेपाल, पाकिस्तान, ईरान से लेकर दुनिया के दूसरे देशों से भारतीय नंबरों पर फोन आ रहे हैं. यह एक अलग जांच का विषय है कि आपका फोन नंबर उन ठगों तक पहुंचता कैसे है? इस पर लगाम लगाना सरकार का काम है लेकिन हकीकत यही है कि हमारी सरकारी एजेंसियां अभी तक इतनी चाकचौबंद नहीं हुई हैं कि उन तक तत्काल पहुंच सकें.
कभी-कभार ये ठग हाथ लग जाते हैं लेकिन वह इंटरनेट पर ठगी का एक कतरा भर होता है. इसलिए सबसे जरूरी है सतर्कता, ताकि आपको कोई नुकसान न पहुंचा सके, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि ठगों के झांसे में बड़े-बड़े लोग भी आ जाते हैं. पिछले साल की ही बात है, देश के एक बड़े उद्योगपति को वीडियो कॉल आया.
फोन करने वाला एक फर्जी अदालत का सेट बना कर बैठा था. उससे कहा गया कि एक बड़े घोटाले में उसका नाम है लेकिन वह हाजिर नहीं हो रहा है इसलिए अदालत उसकी गिरफ्तारी का आदेश देगी. यदि वह बचना चाहता है तो जमानत के तौर पर इतनी राशि अदालत के इस अकाउंट में जमा करे. वह उद्योगपति इतना भयभीत हो गया कि तत्काल राशि ट्रांसफर कर दी. बाद में उसे एहसास हुआ कि सबकुछ फर्जी था. इसलिए सतर्कता ही एकमात्र विकल्प है. सजग और निर्भीक रहिए.