Baba Siddique Murder: बाबा सिद्दीकी की मौत पर उठते अनेक सवाल?
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: October 14, 2024 05:13 AM2024-10-14T05:13:03+5:302024-10-14T05:13:03+5:30
Baba Siddique Murder: गोलियां चलाने के पहले बम विस्फोट भी किया गया, जिससे आंख में जलन पैदा करने वाला धुआं भी फैला.
Baba Siddique Murder: महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और वर्तमान में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई में शनिवार को हुई हत्या अनेक प्रश्नों को जन्म देती है. बताया जा रहा है कि दस-पंद्रह दिन पहले उन्हें धमकी मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें वाई स्तर की सुरक्षा प्रदान की थी. इस व्यवस्था के अनुसार उनकी सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात थे. प्रारंभिक जांच कह रही है कि हमलावर एक-डेढ़ माह से मुंबई में डेरा डाले हुए बैठे थे और उन्होंने रेकी कर वारदात को अंजाम दिया. अपराध के समय सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मी कहां थे, पता नहीं चला. हालांकि गोलियां चलाने के पहले बम विस्फोट भी किया गया, जिससे आंख में जलन पैदा करने वाला धुआं भी फैला.
अब सवाल यह उठता है कि हमलावर जब इतनी तैयारी से थे तो बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा को लेकर कितनी तैयारी थी? स्पष्ट है कि जितनी आसानी से उन पर गोलीबारी की गई, वह उतनी ही आसानी से लोगों के बीच भी थे. राजनीति और समाज सेवा की दृष्टि से सहज मिलना-जुलना किसी भी लोकप्रिय नेता की निशानी है. मगर उसके जीवन के खतरे को समझना सुरक्षाकर्मियों की जिम्मेदारी है.
घटना के बाद पंजाब का लॉरेंस बिश्नोई गिरोह कथित रूप से सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी ले रहा है. वह अभिनेता सलमान, कनाडा में पंजाबी गायक एपी ढिल्लों के घर पर गोली चला चुका है, मगर उस पर नियंत्रण नहीं है. राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में गिरोह के गुर्गे अपने काम को अंजाम देते रहते हैं.
गिरोह का सरगना जेल में रहकर अपनी गतिविधियां संचालित करता रहता है, लेकिन उसका कोई भी बाल बांका नहीं कर पाता है. लॉरेंस बिश्नोई अपनी दुश्मनी अभिनेता सलमान खान से बताता है और उसे सलमान का कोई करीबी फूटी आंख नहीं सुहाता है. बाबा सिद्दीकी और सलमान खान की दोस्ती तो जगजाहिर थी.
इसलिए ताजा घटना को अचानक हुई नहीं कहा जा सकता है. ऐसे में राज्य की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर सवाल उठना स्वाभाविक है. चूंकि कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, इसलिए इस घटना को लेकर राजनेताओं के सुर कुछ अधिक तेज सुनाई देना लाजिमी है. मगर किसी एक गिरोह के गुर्गों को अपनी गतिविधियों के संचालन में इतनी आसानी मिलना आश्चर्यजनक है.
उसका अनेक राज्यों से लेकर विदेशों तक नेटवर्क फैलना और आसानी से कारस्तानी कर लेना कई चिंताओं को जन्म देता है. मुंबई में माफिया गिरोहों का इतिहास काफी पुराना है. किंतु हाल के दिनों में उन पर दबिश बढ़ने से शहर की स्थितियां नियंत्रण में थीं. मगर इन दिनों दूसरे राज्यों से आकर प्रायोजित हमले करने की नई साजिश परेशानी बन रही है.
इन मामलों में घटना मात्र के सुलझने से समस्या हल नहीं होती है. इनको जड़ से समाप्त करने के लिए कदम उठाने जरूरी होते हैं. राजनीति से परे महाराष्ट्र सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है. यहां उन हौसलों को पस्त करने की जरूरत है, जो राज्य में डर का वातावरण पैदा करना चाहते हैं.