वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम: पाकिस्तान के खिलाफ खेल के हर मोर्चे पर भारत हावी रहा
By वीवीएस लक्ष्मण | Published: June 18, 2019 10:11 AM2019-06-18T10:11:01+5:302019-06-18T10:11:01+5:30
अपेक्षा के अनुरूप इस 'हाईवोल्टेज' मुकाबले से पूर्व बने माहौल के बावजूद भारत ही जीत का प्रबल दावेदार था। पाकिस्तान के पास भारतीय टीम के 'क्लास और गहराई' का जवाब नहीं था। केवल टॉस जीतकर ही उसके गेंदबाज स्थितियों को भुनाते हुए भारतीय टॉप ऑर्डर पर दबाव बना सकते थे। हालांकि कप्तान सरफराज ने टॉस भी जीता, पहले आठ ओवर उनके गेंदबाजों ने सधी हुई गेंदबाजी भी की। लेकिन, संयम के साथ खेलते हुए रोहित शर्मा और केएल राहुल की सलामी जोड़ी ने जल्द ही मुकाबले पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली।
रोहित की बल्लेबाजी लाजवाब रही। खासतौर से बैकफुट पर वह आत्मविश्वास के साथ खेलते हैं। उन्हें शॉट्स खेलते देखकर मजा आता है। 140 रन बनाने के बावजूद वह लंबी पारी खेल सकते हैं लेकिन दुर्भाग्यवश वह आगे नहीं बढ़ पाए। टीम की ठोस शुरुआत में राहुल ने भी अहम योगदान दिया। धवन की गैरमौजूदगी में रोहित के साथ स्तरीय अर्धशतकीय पारी खेलकर इस युवा ओपनर ने अपनी क्षमता का परिचय दिया।
एक अच्छे खिलाड़ी की यही पहचान होती है कि वह मिले अवसर को भुनाने में सफल रहे। रोहित और राहुल की सलामी जोड़ी ने 136 रन की साझेदारी कर विराट का बड़ा काम किया। इसके बाद भारतीय कप्तान को आक्रामक अंदाज में खेलते हुए टीम को 350 के पास पहुंचाना था। बारिश की खलल से पहले तक विराट ने इसे बखूबी आगे बढ़ाया, लेकिन इसके बाद उनकी लय प्रभावित हुई। फिर भी 336 रन का लक्ष्य इस तरह के बेहद दबाव वाले मुकाबले में बड़ा स्कोर ही होता है।
टीम संयोजन ने भी मुझे उस समय प्रभावित किया जब भुवी हैमस्ट्रिंग के चलते चोटिल हो गए। सभी गेंदबाजों ने मिलकर इस नाजुक दौर से टीम को उबार लिया। विजय शंकर का क्या कहना? अपने विश्व कप डेब्यू मैच की पहली ही गेंद पर विकेट झटकना अपने आप में बड़ी बात होती है। हार्दिक ने भी विकेट झटके।
इन सब के बीच कुलदीप के योगदान की अनदेखी नहीं की जा सकती। इस 'चाइनामैन' गेंदबाज ने 80 किमी प्रति घंटे से भी कम की रफ्तार से गेंदबाजी कर जिस तरह गेंद को टर्न कराया उसे देखकर उनकी खूबियों का पता चलता है। जिस गेंद पर उन्होंने बाबर को आउट किया वह 'सर्वश्रेष्ठ' थी। किसी भी प्रारूप में इस गेंद पर विकेट मिलना तय था।
बेशक, पाकिस्तान के खिलाड़ी हार से दुखी होंगे लेकिन उन्हें इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि वे एक मजबूत टीम से हारे हैं। एक ऐसी टीम जिसका न केवल विश्व स्तर पर सिक्का चलता है बल्कि उसके पास होनहार और उदीयमान क्रिकेटरों की फौज मौजूद है।