ब्लॉग: महिला क्रिकेट के इतिहास भारत का पहला वर्ल्ड कप, खेल का मैदान भी जीत रही हैं लड़कियां

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 31, 2023 05:50 PM2023-01-31T17:50:44+5:302023-01-31T17:53:58+5:30

बीसीसीआई के जुड़ने के बाद महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गईं जिसका सकारात्मक असर अब दिखने लगा है. अंडर-19 टी-20 विश्व कप की यह ऐतिहासिक खिताबी जीत महिला क्रिकेट के लिए एक सुनहरे दौर का संकेत माना जा सकता है.

Under 19 India's first World Cup in history of women's cricket | ब्लॉग: महिला क्रिकेट के इतिहास भारत का पहला वर्ल्ड कप, खेल का मैदान भी जीत रही हैं लड़कियां

ब्लॉग: महिला क्रिकेट के इतिहास भारत का पहला वर्ल्ड कप, खेल का मैदान भी जीत रही हैं लड़कियां

भारत की बेटियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से एक बार फिर देश को गौरवान्वित किया है. शेफाली वर्मा की अगुआई में भारत की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम ने नया इतिहास रच दिया. रविवार को खेले गए फाइनल में भारत ने इंग्लैंड को 7 विकेट से धूल चटाते हुए महिला अंडर-19 टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया. 

इस जीत के साथ टीम इंडिया ने इंग्लैंड से 2017 वर्ल्ड कप फाइनल में सीनियर टीम को मिली हार का भी बदला पूरा कर लिया. साथ ही महिला क्रिकेट के इतिहास में भारत के लिए यह पहला वर्ल्ड कप है. मिताली राज और हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत की सीनियर महिला टीमों ने तीन बार वर्ल्ड कप फाइनल में हार का दर्द झेला था. इसमें आखिरी निराशा 2020 के टी-20 वर्ल्ड कप में मिली थी. 

शेफाली वर्मा भी उस टीम का हिस्सा थीं. यह उनका पहला ही वर्ल्ड कप था और तब उनकी उम्र 16 साल भी पूरी नहीं थी. उस हार के करीब तीन साल बाद शेफाली ने न सिर्फ मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड में मिली हार, बल्कि अपनी सीनियरों के दर्द का हिसाब भी पूरा किया. हम सब इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि लड़कियों के लिए खेल के मैदान तक पहुंचना किस कदर कठिन होता है. 

ऐसे में विश्व कप जैसे विश्वस्तरीय टूर्नामेंट में देश का परचम लहराना बड़ी उपलब्धि है. भारत की यह जीत कई मायनों में शानदार रही. सबसे बड़ी बात तो यह है कि मौजूदा चैंपियन टीम की ज्यादातर खिलाड़ी देश के दुर्गम क्षेत्र के बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं और इन्हें आगे बढ़ाने में परिवार से मिली प्रेरणा का अहम योगदान रहा. जैसे, टीम की ऑफ स्पिनर अर्चना देवी के बचपन में ही पिता का साया हट जाने के बाद मां ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई. 

इसी तरह टीम की ओपनर तृषा रेड्डी का सपना पूरा करने के लिए पिता को अपनी चार एकड़ की पैतृक भूमि बेचनी पड़ी. भारत में अनेक वर्षों तक क्रिकेट के खेल पर पुरुषों का राज रहा है. लेकिन बीसीसीआई ने इस पुरुष प्रधान समाज की सोच को बदलने में निर्णायक भूमिका निभाई. 

बीसीसीआई से जुड़ने के बाद महिला खिलाड़ियों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गईं जिसका सकारात्मक असर अब दिखने लगा है. अंडर-19 टी-20 विश्व कप की यह ऐतिहासिक खिताबी जीत देश में महिला क्रिकेट के लिए एक सुनहरे दौर का संकेत माना जा सकता है. 

बीसीसीआई की पहल पर अगले माह हो रहे महिला आईपीएल में देश की अनेक लड़कियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को महिला क्रिकेट में अपना वर्चस्व स्थापित करने का अवसर भी मिलेगा. इस बात की पूरी उम्मीद है कि पुरुषों की तरह महिला क्रिकेटर भी देश का गौरव बढ़ाएंगी.

Web Title: Under 19 India's first World Cup in history of women's cricket

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