सुनील गावस्कर का ब्लॉग: चेन्नई-बैंगलोर मैच के बाद उम्मीद है कि पिचें अब ठोस होंगी
By सुनील गावस्कर | Published: March 25, 2019 06:37 PM2019-03-25T18:37:37+5:302019-03-25T18:37:37+5:30
इस साल आईपीएल की धमाकेदार शुरुआत नहीं हुई। पिच धीमी थी और गेंद टर्न हो रही थी। ऐसे में बल्लेबाज के पास सतह की तेजी का इस्तेमाल करने का बहुत ज्यादा मौका नहीं था।
इस साल आईपीएल की धमाकेदार शुरुआत नहीं हुई। पिच धीमी थी और गेंद टर्न हो रही थी। ऐसे में बल्लेबाज के पास सतह की तेजी का इस्तेमाल करने का बहुत ज्यादा मौका नहीं था। बल्ले पर आने की गेंद की गति क्षीण पड़ जाने की वजह से बल्लेबाज अंतिम क्षण में बल्ले की रफ्तार को कम कर देता था और गगनभेदी छक्के के बजाय गेंद सीमा रेखा के भीतर ही लपक ली जाती थी।
इस प्रारूप में जहां गेंदबाजों के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं होता अगर कोई और दिन होता तो शायद कुछ और स्थिति होती। हालांकि दर्शक इस मैच के परिणाम से खुश जरूर हैं, लेकिन मुकाबला कम स्कोर का होने से वे निराश भी हैं।
साल के इन महीनों में जब भारत के घरेलू सत्र का अंत हो चुका है पिचें 'थकी' नजर आ रही हैं, लेकिन चेन्नई में दर्शक तो बड़े और लंबे शॉट देखने के लिए पहुंचे थे। अगर ऐसा ही चला तो आईपीएल में उनके रोमांच का स्तर नीचे आ सकता है। उम्मीद है कि अन्य स्थानों पर पिचें ठोस होंगी, उनमें अधिक गति होगी जिससे कि शॉट खेल जा सकें।
आईपीएल का प्रथम विजेता अपने अभियान की शुरुआत (सोमवार को) पंजाब के खिलाफ करने जा रहा है और सभी की निगाहें होंगी स्टीव स्मिथ पर जो खुद भी पिछला सत्र चूक जाने के बाद अच्छी शुरुआत करने के लिए बेताब होंगे। 2008 में शानदार खिताबी जीत के बाद राजस्थान रॉयल्स की टीम कभी-कभी ही खतरनाक लगी।
राजस्थान रॉयल्स किसी भी टीम को मात दे सकते हैं, लेकिन एक इकाई के तौर पर यह टीम उतनी ऊंचाई पर नहीं पहुंच सकी है जितनी 2008 में थी, लेकिन अपनी बल्लेबाजी की बदौलत मुकाबले का रुख बदलने की क्षमता रखनेवाले स्मिथ तथा जोस बटलर की मौजूदगी के कारण यह टीम इस साल अलग हो सकती है।
बेहतर प्रदर्शन करने की काबलियत रखने वाले रहाणे के पास भी इस प्रारूप में चयनकर्ताओं का ध्यान आकृष्ट करने का मौका है। यही बात अश्विन पर भी लागू है। उन्हें सीमित ओवरों के प्रारूप में अपने करियर को पुनर्जीवित करना है। दोनों कप्तान और दोनों टीमें ऐसी हैं जो अपने प्रदर्शन की वजह से या तो ऊंचाई को छू सकती हैं या फिर धराशायी भी हो सकती हैं।