IPL 2019: क्या कोहली को छोड़ देनी चाहिए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी ?
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 2, 2019 06:10 PM2019-04-02T18:10:47+5:302019-04-02T18:10:47+5:30
विराट कोहली की अगुवाई में आरसीबी (रॉयल चैलेजर्स बैंगलोर) के लिए आईपीएल का बारहवां संस्करण बेहद नीरस साबित हो रहा है।
(राम ठाकुर)
विराट कोहली की अगुवाई में आरसीबी (रॉयल चैलेजर्स बैंगलोर) के लिए आईपीएल का बारहवां संस्करण बेहद नीरस साबित हो रहा है। विराट-डिविलियर्स जैसे धुरंधरों से लैस टीम को लगातार तीनों मुकाबलों में पराजय का स्वाद चखना पड़ा है।
रविवार की रात तो हद हो गई। हैदराबाद में मेजबान सनराइजर्स के हाथों टीम को 118 रन से करारी हार का सामना करना पड़ा। सोमवार को दिनभर विराट कोहली द्वारा बैंगलोर टीम की कप्तानी छोड़ने की बातें सुर्खियों में छाई रहीं।
हालांकि, सब जान रहे थे कि यह महज एक अप्रैल फूल बनाने की बात है। लेकिन, शांत दिमाग से सोचने पर क्या ऐसा नहीं लगता कि भारतीय टीम के इस दिग्गज को सचमुच बेंगलुरु से हट जाना चाहिए?
बेशक, यह सच सुझाव बेंगलुरु के प्रशंसकों के गले नहीं उतरेगा। हो सकता है कि इस बारे में स्वयं विराट ने भी कभी सोचा नहीं होगा, लेकिन आगामी विश्व कप को देखते हुए उनके अलावा भारतीय क्रिकेट के थिंक टैंक को इस बात पर गौर करने की जरूरत है।
विराट की योग्यता पर सवाल उठाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। सच बात तो यह है कि उनकी कप्तानी में ही भारतीय टीम विश्व कप की प्रबलतम दावेदारी मानी जा रही है। करोड़ों देशवासी उनसे इंग्लैंड की मेजबानी में खेले जाने वाले महाकुंभ में धमाकेदार प्रदर्शन की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
ऐसे में यदि आईपीएल के हाल के प्रदर्शन पर गौर किया जाए तो विराट लगातार बड़ा स्कोर खड़ा करने में विफल (चेन्नई के खिलाफ 6, मुंबई के खिलाफ 46 और हैदराबाद के खिलाफ 3) रहे हैं।
भारतीय कप्तान में इस नाजुक दौर से उबरने की क्षमता है। लेकिन, इस वापसी की जद्दोजहद में खतरे भी हैं। लय में लौटने में होने वाली देरी से उनका हौसला प्रभावित भी हो सकता है।
क्रिकेट भले ही तकनीक का खेल है, लेकिन इसमें मानसिक संतुलन भी अहम रोल निभाती है। अनेक बार लगातार मिलने वाली विफलता से मानसिक संतुलन गड़बड़ा जाता है।
शायद कोहली के लिए आरसीबी की कप्तानी की जिम्मेदारी से मुक्त होकर वापसी करना ज्यादा आसान भी हो सकता है। इससे उनसे सारा फोकस भी शिफ्ट हो सकता है। अंत में इस पर फैसला कोहली के साथ-साथ टीम प्रबंधन को ही लेना है, लेकिन विश्व कप से सभी खिलाड़ियों के कार्य प्रबंधन पर गौर करना लाजिमी है।