अयाज मेमन का कॉलम: ऑस्ट्रेलिया में साख बचाए रखना भारत के लिए नहीं आसान
By अयाज मेमन | Published: November 22, 2020 09:22 AM2020-11-22T09:22:03+5:302020-11-22T09:23:07+5:30
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 27 नवंबर से टूर्नामेंट की शुरुआत होने जा रही है, जिसमें 3 वनडे, 3 टी20 और 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जाएगी...
पिछले कुछ वर्षों में भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज के रोमांच को भुलाया नहीं जा सकता. हालांकि इससे विराट कोहली एंड कंपनी की कठिनाइयां कम नहीं हो सकतीं.
जहां वन-डे और टी-20 में भारत को रोहित शर्मा जैसे धुरंधर बल्लेबाज की सेवाओं से वंचित रहना पड़ेगा, वहीं टेस्ट में कप्तान विराट कोहली पूर्ण रूप से अपनी सेवाएं नहीं दे पाएंगे. यह भारतीय क्रिकेट के लिए झटका है. इससे प्रतिद्वंद्वी टीम को भारत की खामियों को भुनाने का मौका मिलेगा.
रोहित शर्मा ने भले ही आईपीएल के नॉकआउट दौर में वापसी कर खिताबी मुकाबले में मुंबई इंडियंस की कमान संभाली लेकिन बीसीसीआई मेडिकल टीम ने उन्हें वन-डे और टी-20 के लिए फिट घोषित नहीं किया था. फिलहाल वह एनसीए में रिहैब में अपनी तैयारी में व्यस्त हैं. कोहली जनवरी के शुरू में अपने पहले बच्चे के जन्म के समय अपनी अभिनेत्री पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ रहना चाहते हैं.
ऑस्ट्रेलिया के पृथकवास को लेकर बनाए गए कड़े कानून के चलते दिन-रात्रि के टेस्ट के अलावा सीरीज के शेष मुकाबलों में खेलने की संभावना नहीं के बराबर है. इस बार भारतीय टीम पर पिछले प्रदर्शन को दोहराने का दबाव होगा. पिछले 70 वर्षों में जो भारतीय टीम नहीं कर पाई थी, उसे विराट कोहली ने पिछली बार ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में पराजित कर दिखाया था. जाहिर है मेजबान टीम उस हार का बदला चुकाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहेगी. ऐसे में जब टीम में स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर जैसे धुरंधरों की वापसी से टीम का हौलसा बढ़ना स्वाभाविक है. लिहाजा, भ्रमणकारी टीम के लिए बॉर्डर-ऑस्ट्रेलिया ट्रॉफी को अपने पास कायम रख पाना आसान नहीं होगा.
रोहित शर्मा के पास विश्व कप के अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराने का मौका नहीं होगा. केएल राहुल आकर्षक प्रदर्शन करने में जरूर सफल रहे लेकिन उन्हें टेस्ट में चमक बिखेरनी होगी. इनके अलावा टीम की गेंदबाजी सुर्खियों में रहेगी क्योंकि, टीम को ईशांत और भुवनेश्वर की सेवाएं नहीं मिल पाएंगी. 2018 में बुमराह और शमी छाप छोड़ने में सफल रहे थे. इन दोनों को अपने पुराने फॉर्म को दोहराना होगा.
कपिल देव को विश्वास है कि सीरीज का भाग्य तेज गेंदबाज नहीं भारतीय बल्लेबाज तय करेंगे. कपिल कहते हैं, 'मुझे पूरा विश्वास है कि गेंदबाज 20 विकेट झटकने में कामयाब रहेंगे. लेकिन मुख्य सवाल है- क्या बल्लेबाज 350-400 का स्कोर खड़ा कर पाएंगे?' कोहली के लिए यह परीक्षा की घड़ी है. टेस्ट, टी-20 और वन-डे में उनकी सफलता का प्रतिशत अलग-अलग है. लिहाजा कप्तान के बंटवारे की चर्चा होने लगी है.