अयाज मेमन का कॉलम: भारतीय क्रिकेट में वेतन कटौती को लेकर नए विवाद की शुरुआत

By अयाज मेमन | Published: April 12, 2020 08:29 AM2020-04-12T08:29:44+5:302020-04-12T08:29:44+5:30

यदि आईपीएल और टी20 विश्वकप जैसी महत्वपूर्ण स्पर्धा भी नहीं होती है तो इससे खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से लंबा झटका सहना होगा। ऐसे में वेतन कटौती होगी क्या?

Ayaz Memon column: Row over pay cut in Indian cricket | अयाज मेमन का कॉलम: भारतीय क्रिकेट में वेतन कटौती को लेकर नए विवाद की शुरुआत

भारतीय क्रिकेट में वेतन कटौती को लेकर नए विवाद की शुरुआत

लॉकडाउन के कारण पूरा खेल जगत थम-सा गया है। ऐसे समय में भारतीय क्रिकेट में एक नए विवाद की शुरुआत हुई है। पूर्व क्रिकेटर अशोक मल्होत्रा इस समय इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। उन्होंने एक मुलाकात के दौरान बताया कि फिलहाल कोई स्पर्धा और मुकाबले नहीं होने के कारण खिलाडि़यों को वेतन कटौती के प्रस्ताव को स्वीकारना होगा।

इस पर दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा है, ''मल्होत्रा के अनुसार खिलाडि़यों को नुकसान क्यों भुगतना पड़ेगा? वर्तमान भारतीय खिलाडि़यों में कोई भी इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन का नुमाइंदा नहीं है। लिहाजा मल्होत्रा ने किस आधार पर यह बयान दिया है.'' ऐसे में फिलहाल इस विषय को लेकर भारतीय क्रिकेट में जबर्दस्त चर्चा चल रही है। इस मौजू के दो पक्ष हैं। पहला- तकनीकी दृष्टि से गावस्कर का पक्ष एकदम दुरुस्त है। यदि खिलाड़ी इस संगठन का सदस्य नहीं होगा तो उसे वेतन कटौती को कैसे तैयार किया जाएगा। 

यह संगठन रिटायर खिलाडि़यों के लिए कार्य करता है लिहाजा यह संगठन इस तरह के फरमान पूर्व खिलाडि़यों के लिए जारी कर सकता है। गावस्कर के वक्तव्य के बाद मल्होत्रा का कहना है, ''उन्होंने वर्तमान स्थिति में हुए नुकसान को देखकर अपने विचार रखे। लेकिन गावस्कर की नाराजगी की वजह क्या है? जहां तक मेरी बात है, मुझे बीसीसीआई से 40 हजार रुपए पेंशन प्राप्त हो रही है जिसमें से 30 फीसदी कटौती के लिए मैं तैयार हूं.'' हालांकि, मल्होत्रा के इस विचार से कितने खिलाड़ी तैयार होंगे, यह दिलचस्प होगा. साथ ही भविष्य में बीसीसीआई इस विवाद पर क्या स्टैंड लेता है, यह भी देखना होगा।

अब बात करते हैं आईपीएल की, यदि वर्तमान सत्र का आईपीएल नहीं होता है तो बीसीसीआई को करीब-करीब साढ़ें तीन से चार हजार करोड़ का नुकसान होगा। यदि टी20 विश्वकप जैसी महत्वपूर्ण स्पर्धा भी नहीं होती है तो इससे खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से लंबा झटका सहना होगा। ऐसे में वेतन कटौती होगी क्या? यह सबसे बड़ा सवाल है। 

इसी तरह अनेक क्रिकेटरों ने कोरोना के खिलाफ जंग में आर्थिक मदद भी की है। इसके अलावा प्रत्येक टेस्ट मैच के लिए क्रिकेट खिलाड़ियों को 15-16 लाख, वनडे मैच के लिए 6 लाख और टी20 मैच के लिए 3 लाख रुपये प्राप्त हो रहे हैं। यदि साल भर मुकाबले नहीं खेले जा सके तो जाहित तौर पर उन्हें यह राशि नहीं मिलेगी। 

ऐसा नहीं कि बीसीसीआई के पास रिजर्व फंड नहीं है। लिराजा भारतीय खिलाड़ी बीसीसीआई के सामने यह सवाल रख सकते हैं कि उनके खेलने से अब तक जमा की मोटी राशि प्राप्त करने के बाद केवल एक साल नहीं खेलने से वेतन कटौती होगी? कुल मिलाकर इस मामले में अंतिम निर्णय बीसीसीआई को ही लेना होगा।

Web Title: Ayaz Memon column: Row over pay cut in Indian cricket

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