अयाज मेमन का कॉलम: कोरोना गेंदबाजों की परेशानी का सबब

By अयाज मेमन | Published: April 26, 2020 04:06 PM2020-04-26T16:06:06+5:302020-04-26T16:06:06+5:30

लार और पसीने से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा होता है. लिहाजा, गेंदबाज, बल्लेबाज और अंपायर असुरक्षित महसूस कर सकते हैं. लार अथवा पसीने के इस्तेमाल गेंदबाजों को रोका गया तो उनका करियर खतरे में पड़ सकता है

Ayaz Memon column: Coronavirus becomes a challenge for bowlers | अयाज मेमन का कॉलम: कोरोना गेंदबाजों की परेशानी का सबब

अयाज मेमन का कॉलम: कोरोना गेंदबाजों की परेशानी का सबब

कोविड-19 महामारी से उत्पन्न अभूतपूर्व परिस्थितियों पर चर्चा करने और इससे रास्ता तलाशने के लिए आईसीसी ने शुक्रवार को मुख्तलिफ देशों के नुमाइंदों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चर्चा की. बेशक, इस महामारी से सभी देशों के क्रिकेट को गहरा नुकसान पहुंचा है. लिहाजा, आईसीसी ने वर्ष 2023 तक के क्रिकेट कैलेंडर को नए सिरे से तैयार करने के संकेत इस बैठक में दिए. इस वर्ष अक्तूबर में ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में टी-20 विश्व कप होना है. इस उम्मीद के साथ कि जल्द ही स्थितियों पर काबू पा लिया जाएगा, इस महाकुंभ को अभी टाला नहीं गया है. 

विश्व कप के अलावा टेस्ट चैंपियनशिप का आयोजन भी अहम मुद्दा है. कोरोना के चलते अनेक द्विपक्षीय सीरीज रद्द किए जाने से टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल अब 2021 में संभव नहीं होगा. बैठक में कोविड-19 के बाद गेंद को लेकर होने वाली परेशानियों पर भी चर्चा की गई. गेंदबाजों का प्रयास स्विंग करना के लिए गेंद को निरंतर चमकाने का होता है. इसके लिए विकेटकीपर और गेंदबाज पसीने और लार का इस्तेमाल करते देखे जा सकते हैं. कोविड-19 क्रिकेट के लिए बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है. 

लार और पसीने से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा होता है. लिहाजा, गेंदबाज, बल्लेबाज और अंपायर असुरक्षित महसूस कर सकते हैं. लार अथवा पसीने के इस्तेमाल गेंदबाजों को रोका गया तो उनका करियर खतरे में पड़ सकता है. वैसे भी इस खेल में गेंदबाजों को अनेक पाबंदियों (जैसे, क्षेत्ररक्षण की सीमा, सपाट विकेट आदि) के बीच खेलना पड़ रहा है. ऐसे में कोविड-19 के चलते गेंदबाजों को एक परेशानी से गुजरना होगा. गेंद पर पसीना और लार का इस्तेमाल न करने को लेकर अनेक गेंदबाजों ने नाराजगी जाहिर की है. हालांकि आईसीसी के पास इसका हल नजर नहीं आता.

बैठक में इस परेशान पर चर्चा हुई और कुछ प्रस्ताव भी रखे गए. इसके तहत गेंद पर कृत्रिम पदार्थ के उपयोग की अनुमति पर विचार किया गया. लेकिन इस तरह से चीजों के इस्तेमाल पर कानूनन प्रतिबंध है और ऐसा करने पर सजा भी सुनाई जा रही है. हालांकि फिर भी कुछ गेंदबाजों ने चोरी-चोरी इस तरह के प्रयोग किए हैं. इनमें किला, ब्लेड, पॉलिश पेपर्स, जेलिबिन्स, तेल आदि चीजों से गेंद से छेड़छाड़ की कोशिश की गई है. वर्ष 1976 में भारत यात्रा के दौरान इंग्लैंड के गेंदबाज जॉन लेवल ने गेंद को चमकाने के लिए वैसलीन का इस्तेमाल किया था. 

इस बारे में एमसीसी के पास शिकायत भी दर्ज की गई थी. लेकिन इंग्लिश क्रिकेट के वर्चस्व को देखते हुए महज चेतावनी देकर मामले को टाल दिया गया. सरफराज, इमरान, वकार और शोएब अखतर जैसे पाकिस्तानी तेज गेंदबाज रिवर्स स्विंग के लिए साथियों की मदद से गेंद को चमकाने का प्रयास कराते हैं. हाल में बॉल टैंपरिंग का मामला सभी याद होगा. दक्षिण अफ्रीका यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ और उपकप्तान डेविड वार्नर ने गेंद से छेड़छाड़ की थी. मामला पता चलते ही इन दोनों पर साल भर का प्रतिबंध लगाया गया. 

कैमरून बेनक्रॉफ्ट भी इस मामले में दोषी पाए गए थे. आईसीसी की बैठक में रखे प्रस्ताव के चलते इन घटनाओं को याद किया जा सका. आईसीसी ने यदि इसे अनुमति दी तो गेंदबाज खुलेआम पॉलिश पेपर, वैसलीन का इस्तेमाल करेंगे. यह देखना दिलचस्प होगा इस मामले का क्या स्थाई हल निकालता है. लेकिन एक बात तो तय है कि कोविड-19 ने क्रिकेट को नए मोड़ पर पहुंचाया है.

Web Title: Ayaz Memon column: Coronavirus becomes a challenge for bowlers

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