प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष पर सरकार की नजर

By Prakash Biyani | Published: July 29, 2019 10:20 AM2019-07-29T10:20:01+5:302019-07-29T10:20:01+5:30

दुनिया के सारे सेंट्रल बैंक आर्थिक आपातकाल के लिए रिजर्व रखते हैं. अत: जालान कमेटी की सालाना किस्तों में एक्सेस रिजर्व रिलीज करने की सिफारिश का स्वागत करना चाहिए.

Prakash Biyani's blog: Government eyes on Reserve Bank's reserve fund | प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष पर सरकार की नजर

प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: रिजर्व बैंक के आरक्षित कोष पर सरकार की नजर

भारतीय रिजर्व बैंक के दो रिजर्व फंड्स हैं- विदेशी मुद्रा भंडार और गोल्ड रिजर्व. विदेशी मुद्रा भंडार (अभी करीब 430 बिलियन डॉलर) का मकसद है भारतीय रुपए के मूल्य को नियंत्रित रखना. गोल्ड रिजर्व (अभी 607 टन) भारतीय करेंसी की गारंटी या कहें कि सपोर्ट है.

विदेशी मुद्रा और सिक्योरिटीज के निवेश की कमाई से भी भारतीय रिजर्व बैंक के पास एक अघोषित रिजर्व फंड है. इसका एक हिस्सा रिजर्व बैंक से सरकार को हर साल डिविडेंड के रूप में मिलता है. निवेश से होनेवाली कमाई की शेष राशि रिजर्व बैंक उधार पात्नता बनाए रखने के लिए अपने पास रोक लेता है. वैश्विक मानकों के अनुसार यह सरप्लस सकल संपदा का 14 फीसदी होना चाहिए जो हमारे देश में 26 फीसदी हो गया है. 

केंद्रीय वित्त मंत्नालय ने इसीलिए 2018 में रिजर्व बैंक से मांग की थी कि इस रिजर्व (9.6 लाख करोड़ रुपए) की एक्सेस राशि (करीब 3 लाख करोड़ रुपए) वित्तीय घाटा नियंत्रित रखने, राजस्व की कम वसूली की पूर्ति करने और सरकारी बैंकों को फंडिंग के लिए वह सरकार को दे दे. रिजर्व बैंक के तत्कालीन गवर्नर उर्जित पटेल ने इसका विरोध करते हुए त्यागपत्न दे दिया था.

इसके बाद रिजर्व बैंक के नए गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दिसंबर 2018 में बिमल जालान की अध्यक्षता में 6 सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी. चालू वित्त वर्ष में पांच प्रमुख करों (कॉर्पोरेट टैक्स, इनकम टैक्स, जीएसटी, एक्साइज और कस्टम ड्यूटी) की अपेक्षा से करीब 2 लाख करोड़ रु पए कम वसूली हुई तो वित्त मंत्नालय चाहता था कि जालान कमेटी बजट पूर्व एक्सेस रिजर्व रिलीज करने की सिफारिश कर दे. पर ऐसा नहीं हुआ. 

बिमल जालान कमेटी के सामने सवाल था कि एक्सेस रिजर्व एक मुश्त रिलीज हुआ तो महंगाई बढ़ जाएगी. चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा कम हो जाएगा पर अगले साल क्या होगा? कमेटी के एक सदस्य भारत सरकार के फाइनेंस सेक्रेटरी सुभाषचंद्र गर्ग सरकार को एकमुश्त 3 लाख करोड़ रु पया देना चाहते थे पर शेष पांच सदस्यों ने सेफ सिफारिश की है कि रिजर्व बैंक यह राशि 3 से 5 वर्षो में सरकार को दे. अब रिजर्व बैंक का नियंत्नक मंडल तय करेगा कि चालू वित्त वर्ष में सरकार को एक्सेस रिजर्व का कितना हिस्सा मिले. सरकार को उम्मीद है कि उसे चालू वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़ रुपए भी मिल गया तो अर्थव्यवस्था मंदी की गिरफ्त से निकल जाएगी. 

गौरतलब है कि दुनिया के सारे सेंट्रल बैंक आर्थिक आपातकाल के लिए रिजर्व रखते हैं. अत: जालान कमेटी की सालाना किस्तों में एक्सेस रिजर्व रिलीज करने की सिफारिश का स्वागत करना चाहिए.

Web Title: Prakash Biyani's blog: Government eyes on Reserve Bank's reserve fund

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे