जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: सोने की बढ़ती कीमतें और घटता आयात
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: July 14, 2020 12:54 PM2020-07-14T12:54:28+5:302020-07-14T12:54:28+5:30
स्वर्ण विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड-19 के कारण इस वर्ष 2020 में नए सोने की मांग करीब 30 प्रतिशत घटने की संभावना है. साथ ही इस वर्ष देश में नए सोने की बिक्री पिछले 25 साल की तुलना में सबसे कम रहने की संभावना है.
एक ओर जहां वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में भारी तेजी के कारण भारतीय सर्राफा बाजार में भी सोने की कीमत 50 हजार रु पए प्रति 10 ग्राम से भी अधिक की रिकॉर्ड ऊंचाई को पार करते हुए दिखाई दे रही है, वहीं दूसरी ओर सोने का आयात घट रहा है.
हाल ही में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार पिछले माह जून 2020 में देश में सोने का आयात करीब 11 टन रहा है, जबकि जून 2019 में देश में सोने का आयात करीब 78 टन हुआ था. यदि हम सोने के आयात को मूल्य के संदर्भ में देखें तो पाते है कि पिछले माह जून 2020 में देश में करीब 61 करोड़ डॉलर मूल्य के सोने का आयात हुआ है, जबकि जून 2019 में 270 करोड़ डॉलर मूल्य का सोना आयात किया गया था.
ज्ञातव्य है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्वर्ण उपभोक्ता देश है. देश के आयात बिल में सोने के आयात का प्रमुख स्थान है. वित्त वर्ष 2018-19 में सोने का आयात करीब 33 अरब डॉलर का रहा था, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में सोने का आयात 31 अरब डॉलर का रहा है. सोने के आयात में कमी से देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिल रही है.
स्वर्ण विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड-19 के कारण इस वर्ष 2020 में नए सोने की मांग करीब 30 प्रतिशत घटने की संभावना है. साथ ही इस वर्ष देश में नए सोने की बिक्री पिछले 25 साल की तुलना में सबसे कम रहने की संभावना है. स्थिति यह है कि देश में पुराने सोने तथा पुराने गहनों की बिक्री सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है. देश में लोग शादी-विवाह, पारिवारिक और सामाजिक कार्यों के लिए पुराने सोने को पिघलाकर यानी रिसाइक्लिंग करके उसका उपयोग कर रहे हैं.
यद्यपि सोना भारतीय परिवारों और भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है, लेकिन बचत के लिए भौतिक सोने की खरीदी अनुत्पादक निवेश है. ऐसे में जो लोग बचत का निवेश करने के लिए सोना खरीदते हैं, उन्हें सरकार के द्वारा सोने की भौतिक खरीदारी से बचाते हुए स्वर्ण बॉन्ड के विकल्प की ओर प्रवृत्त करने हेतु हरसंभव प्रयास करने चाहिए.
बचत का सोने में निवेश करने वालों के लिए गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों के अलावा सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड भी लाभप्रद हैं. वस्तुत: इन दो विकल्पों ने भौतिक रूप में सोना खरीदने की जरूरत खत्म कर दी है और ये अपनी आकर्षक विशेषताओं के कारण ऐसे निवेश उत्पाद बन गए हैं, जिनमें भौतिक सोने के साथ पैदा होने वाला भावनात्मक जुड़ाव आड़े नहीं आता. स्वर्ण बॉन्ड में निवेश पर सरकार ने कई तरह की रियायतों की घोषणा की है, जिससे इसमें निवेश ज्यादा फायदेमंद हो गया है.