जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉगः चुनौतियों के बीच बेहतर आर्थिक संभावनाएं
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: January 6, 2023 09:08 AM2023-01-06T09:08:56+5:302023-01-06T09:10:06+5:30
निश्चित रूप से वर्ष 2023 में वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत के द्वारा आर्थिक उम्मीदों को मुट्ठी में लेने के लिए कई अहम बातों पर ध्यान देना होगा। महंगाई को नियंत्रित रखना होगा। निर्यात बढ़ाने के साथ गैर जरूरी आयात में कमी लाकर व्यापार घाटा कम करना होगा।
नए वर्ष 2023 में वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भी भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहतर रहने की आर्थिक संभावनाएं उभरकर दिखाई दे रही हैं। जहां एक जनवरी को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष(आईएमएफ) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2023 वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए कठिन वर्ष रहेगा, वहीं भारतीय उद्योग जगत के प्रमुख 35 मुख्य कार्याधिकारियों (सीईओ) के एक सर्वेक्षण से यह खुलासा हुआ है कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की तुलना में तेज वृद्धि करेगी। नए वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश और रोजगार बढ़ेंगे तथा भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी जुझारू क्षमता और मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद के कारण दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। जहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का अनुमान 6।1 फीसदी किया है, वहीं सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) यूके ने भारत की विकास दर 6.5 फीसदी अनुमानित की है।
इसमें कोई दो मत नहीं है कि दुनिया के आर्थिक परिदृश्य पर चीन में कोहराम मचा रहे कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन बीएफ-7 की वजह से दुनिया में कोरोना से नई चिंताएं और अमेरिकी मौद्रिक नीति, बढ़ते हुए वैश्विक कर्ज एवं भू-राजनीतिक परिस्थितियों से वैश्विक मंदी की आशंकाओं से चुनौतियां उभरकर दिखाई दे रही हैं। यद्यपि ये सब वैश्विक आर्थिक घटक भारत को भी कई तरह से प्रभावित करेंगे, लेकिन बीते वर्ष 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था के दमखम के साथ आगे बढ़ने के आधार वर्ष 2023 में भी भारत की मुट्ठी में रहेंगे, साथ ही वर्ष 2023 में जी-20 की अध्यक्षता भारतीय अर्थव्यवस्था को 2023 में आगे बढ़ाने का एक और आधार देते हुए दिखाई देगी।
बीते वर्ष 2022 ने उद्योग-कारोबार और सेवा क्षेत्र के लिए दमदार वापसी की जमीन तैयार कर दी है। बीते वर्ष 2022 में लगभग प्रतिमाह बाजारों में उपभोक्ता मांग में तेजी, उद्योग-कारोबार गतिविधियों में बेहतरी, अनुमान से अच्छे राजकोषीय नतीजे के कारण गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) कलेक्शन में वृद्धि हुई। वर्ष 2023 में जीएसटी कलेक्शन बढ़ने की संभावना है। वर्ष 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा भारत और अन्य देशों के बीच व्यापारिक सौदों का निपटान रुपए में किए जाने संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय कार्यान्वित होते हुए दिखाई देगा। एक नवंबर 2022 से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश में डिजिटल रुपए के नए दौर की जो प्रायोगिक तौर पर शुरुआत की है, वह नए वर्ष में विस्तारित होते हुए दिखाई देगी। वर्ष 2023 में भारत मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के जरिये विकास की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगा। वर्ष 2022 में एक मई से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ एवं 29 दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए लागू हो चुके हैं। वर्ष 2022 में वैश्विक सुस्ती के बीच भी भारत के शेयर बाजार ने अच्छे परिणाम दिए हैं और 31 दिसंबर 2022 को सेंसेक्स 61 हजार के आसपास केंद्रित होते हुए दिखाई दिया। भारत का शेयर बाजार 2023 में और ऊंचाई पर पहुंचते हुए दिखाई देगा। नि:संदेह वर्ष 2023 में देश का कृषि क्षेत्र भी तेजी से आगे बढ़ेगा। फसल वर्ष 2021-22 के चौथे अग्रिम अनुमान के मुताबिक देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31.57 करोड़ टन हुआ है। फसल वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड फसल के अनुमान प्रस्तुत हुए हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक जिस तरह अप्रैल से अक्तूबर 2022 के सात महीनों में कृषि और संबद्ध वस्तुओं का निर्यात करीब 12 फीसदी बढ़कर 30 अरब डॉलर हो गया है, उसमें वर्ष 2023 में और अधिक तेजी से वृद्धि होगी।
चूंकि 9-10 जनवरी 2023 को 17वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन इंदौर में आयोजित होगा, इससे प्रवासियों की भारत में सहभागिता बढ़ेगी। वर्ष 2022 में प्रवासी भारतीयों ने करीब 100 अरब डॉलर की धनराशि स्वदेश भेजी है। यह धनराशि आगामी वर्ष 2023 में और बढ़ते हुए दिखाई दे सकेगी। वर्ष 2023 में जी-20 की अध्यक्षता से भारतीय अर्थव्यवस्था और तेजी से आगे बढ़ते हुए दिखाई देगी।
निश्चित रूप से वर्ष 2023 में वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत के द्वारा आर्थिक उम्मीदों को मुट्ठी में लेने के लिए कई अहम बातों पर ध्यान देना होगा। महंगाई को नियंत्रित रखना होगा। निर्यात बढ़ाने के साथ गैर जरूरी आयात में कमी लाकर व्यापार घाटा कम करना होगा। साथ ही भारत के आर्थिक रणनीतिकारों को वैश्विक आर्थिक प्रतिकूल परिस्थितियों के मद्देनजर रक्षात्मक रणनीति बनाने के लिए तैयार रहना होगा।
हम उम्मीद करें कि नए वर्ष 2023 में जी-20 की अध्यक्षता के बीच ऐसे रणनीतिक प्रयत्न किए जाएंगे, जिनसे चीन प्लस वन की जरूरत के मद्देनजर भारत दुनिया के नए आपूर्ति केंद्र, मैन्युफैक्चरिंग हब, अधिक विदेशी निवेश और अधिक विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने की डगर पर तेजी से आगे बढ़ सकेगा। उम्मीद करें कि भारत नए वर्ष 2023 में आर्थिक एवं वित्तीय चुनौतियों के बीच विकास की डगर पर बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था 6 फीसदी से अधिक विकास दर के साथ बढ़ते हुए दिखाई देगी।