International Anti Corruption Day: अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस प्रतिवर्ष 9 दिसंबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है. 31 अक्तूबर 2003 को संयुक्त राष्ट्र ने एक भ्रष्टाचार-निरोधी समझौता पारित किया था और तभी से यह दिवस मनाया जाता है. भ्रष्टाचार दुनिया के सभी हिस्सों में व्याप्त है, यह राजनीतिक, सामाजिक या आर्थिक हो और साथ ही लोकतांत्रिक संस्थानों को भी कमजोर करता है, सरकारी अस्थिरता में योगदान देता है और आर्थिक विकास को भी धीमा करता है. भ्रष्टाचार निरोध दिवस मनाते हुए दुनिया के कतिपय राष्ट्रों ने ईमानदार शासन व्यवस्था देने का उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिनमें भारत में नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में भ्रष्टाचार मुक्त कार्यसंस्कृति को जन्म दिया है. आजादी का अमृत महोत्सव मना चुके देश में भ्रष्ट कार्यसंस्कृति ने देश के विकास को अवरुद्ध किया.
आजादी के बाद से अब तक देश में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों का हिसाब जोड़ा जाए तो देश में विकास की गंगा बहाई जा सकती थी. दूषित राजनीतिक व्यवस्था, कमजोर विपक्ष और क्षेत्रीय दलों की बढ़ती ताकत ने पूरी व्यवस्था को भ्रष्टाचार के अंधेरे कुएं में धकेलने का काम किया. देखना यह है कि क्या वास्तव में हमारा देश भ्रष्टाचारमुक्त होगा?
यह प्रश्न आज देश के हर नागरिक के दिमाग में बार-बार उठ रहा है कि किस प्रकार देश की रगों में बह रहे भ्रष्टाचार के दूषित रक्त से मुक्ति मिलेगी. वर्तमान सरकार की नीति और नियत दोनों देश को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने की है, लेकिन उसका असर दिखना चाहिए. मोदी ने इस सड़ी-गली और भ्रष्ट व्यवस्था को बदलने का बीड़ा उठाया और उसके परिणाम भी देखने को मिले.