India’s Economy in 2023: 2023 में चुनौतियों के बीच भी आगे बढ़ी अर्थव्यवस्था, जानें 2024 में क्या हो सकता है...

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: December 28, 2023 11:39 AM2023-12-28T11:39:13+5:302023-12-28T11:40:07+5:30

India’s Economy in 2023: भारतीय अर्थव्यवस्था घरेलू मांग, निवेश तथा मजबूत आर्थिक बुनियाद के दम पर दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में रेखांकित हुई है.

India’s Economy in 2023 Economy grows despite challenges in 2023 blog Jayantilal Bhandari | India’s Economy in 2023: 2023 में चुनौतियों के बीच भी आगे बढ़ी अर्थव्यवस्था, जानें 2024 में क्या हो सकता है...

India’s Economy in 2023: 2023 में चुनौतियों के बीच भी आगे बढ़ी अर्थव्यवस्था, जानें 2024 में क्या हो सकता है...

Highlightsरोजगार की स्थिति संसद की बहस से लेकर युवाओं की चिंता का कारण बनी रही.उद्योग-कारोबार प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए वहां रोजगार के कम मौके निर्मित हुए.बेरोजगारी दर जो 2017-18 में छह फीसदी थी, वह 2022-23 में घटकर 3.2 फीसदी रही.

India’s Economy in 2023: वर्ष 2023 में जहां वैश्विक स्तर पर निर्मित आर्थिक और वित्तीय चुनौतियों से भारत के आर्थिक परिदृश्य पर कई मुश्किलें दिखाई दीं, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था घरेलू मांग, निवेश तथा मजबूत आर्थिक बुनियाद के दम पर दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में रेखांकित हुई है.

यदि हम देश में 2023 के रोजगार परिदृश्य को देखें तो पाते हैं कि रोजगार की स्थिति संसद की बहस से लेकर युवाओं की चिंता का कारण बनी रही. वर्ष 2023 में वैश्विक सुस्ती के कारण जो-जो उद्योग-कारोबार प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए वहां रोजगार के कम मौके निर्मित हुए.

लेकिन गिग अर्थव्यवस्था और असंगठित सेक्टर में मौके बढ़ने से बेरोजगारी दर जो 2017-18 में छह फीसदी थी, वह 2022-23 में घटकर 3.2 फीसदी रही. जहां वर्ष 2023 में आईटी बाजार की रोजगार तस्वीर बदल गई और बड़ी संख्या में कर्मचारियों को नौकरी छोड़नी पड़ी तथा नई नियुक्ति का अनुपात भी घट गया, वहीं विमानन और फार्मा जैसे सेक्टरों में कुशल पेशेवरों की मांग बढ़ी.

यद्यपि भारत ने वर्ष 2023 में वैश्विक मंदी की चुनौतियों के बीच निर्यात बढ़ाने व आयात घटाने के अधिकतम प्रयास किए, लेकिन फिर भी बीते वर्ष में निर्यात तेजी से नहीं बढ़ पाए तथा विदेशी मुद्रा की अन्य साधनों से कमाई भी कम रही, जिससे व्यापार घाटा बढ़ा. फिर भी दिसंबर 2023 में विदेशी मुद्रा कोष कुछ बढ़कर करीब 616 अरब डॉलर से अधिक के स्तर पर पहुंच गया.

देश पर विदेशी कर्ज भी वर्ष 2023 में सरकार की चिंता का कारण रहा. सरकार ने लोकसभा में बताया कि पिछले नौ वर्षों में देश पर विदेशी कर्ज की राशि तकरीबन तीन गुना बढ़ी है. हालांकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले विदेशी कर्ज चुनौतीपूर्ण स्थिति में नहीं है. मार्च, 2014 में देश पर 58.6 लाख करोड़ रुपए का विदेशी ऋण था जो मार्च, 2023 में बढ़ कर 155.6 लाख करोड़ रुपए हो गया है.

गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास की गाथा का परचम फहराने वाली जो सबसे महत्वपूर्ण बात दुनिया के कोने-कोने में रेखांकित हुई है, वह यह है कि वर्ष 2023 में घरेलू अर्थव्यवस्था की तेज ग्रोथ से भारत ब्रिटेन को पीछे करते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.

फिलहाल दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका है, जिसके बाद चीन, जापान और जर्मनी का स्थान आता है. यह कोई छोटी बात नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहित दुनिया की कई रेटिंग एजेंसियों ने वर्ष 2023 में भारत की 6.3 फीसदी से अधिक विकास दर के अनुमान प्रस्तुत किए हैं.

Web Title: India’s Economy in 2023 Economy grows despite challenges in 2023 blog Jayantilal Bhandari

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