जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: खाद्यान्न प्रचुरता के दोहरे लाभ का सुकूनदेह परिदृश्य

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: April 18, 2022 05:07 PM2022-04-18T17:07:01+5:302022-04-18T17:09:54+5:30

कोरोना महामारी शुरू होने के बाद मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 में गरीबों को मुफ्त राशन देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की शुरुआत की थी। गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लाभार्थी को उसके सामान्य कोटे के अलावा प्रति व्यक्ति पांच किलो मुफ्त राशन दिया जाता है।

Comfortable scenario of double benefit of food abundance | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: खाद्यान्न प्रचुरता के दोहरे लाभ का सुकूनदेह परिदृश्य

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: खाद्यान्न प्रचुरता के दोहरे लाभ का सुकूनदेह परिदृश्य

Highlightsमिस्र ने भारत से 10 लाख टन गेहूं का आयात करना सुनिश्चित किया है।भारत ने यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों के नए गेहूं बाजार में भी प्रवेश किया है।2021-22 के दौरान चावल का कुल उत्पादन रिकॉर्ड 12.79 करोड़ टन अनुमानित है।

इस समय देश में खाद्यान्न प्रचुरता के कारण दो अभूतपूर्व सुकूनदेह अनुकूलताएं उभरकर दिखाई दे रही हैं। एक, प्रचुर खाद्यान्न उपलब्धता के कारण दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में महंगाई की दर कम है। साथ ही सरकार के मुफ्त खाद्यान्न कार्यक्रम के कारण कोविड-19 की तरह एक बार फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ती महंगाई से देश के 80 करोड़ गरीबों को बचाया जा रहा है। दो, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने वैश्विक खाद्यान्न जरूरतों की पूर्ति के मद्देनजर खाद्यान्न निर्यात का अभूतपूर्व मौका मुठ्ठियों में लिया है। 

यह कोई छोटी बात नहीं है कि 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ वर्चुअल मीटिंग में जो बाइडेन से कहा कि यदि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) इजाजत दे तो भारत रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया के विभिन्न हिस्सों में खाद्यान्न की हर मांग को पूरा करने के लिए मजबूती के साथ तैयार है।

नि:संदेह हाल ही के वर्षों में देश में गेहूं सहित खाद्यान्नों के रिकॉर्ड उत्पादन से खाद्यान्न प्रचुरता का चमकीला ग्राफ उभरकर दिखाई दे रहा है। देश का कृषि उत्पादन आम आदमी और अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा सहारा बन गया है। खाद्य मंत्रालय के द्वारा प्रकाशित खाद्यान्न उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2021-22 में देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31.60 करोड़ टन पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो पिछले फसल वर्ष में 31.07 करोड़ टन रहा था। इस वर्ष गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.13 करोड़ टन रहने का अनुमान है। गेहूं का उत्पादन पिछले वर्ष 10.95 करोड़ टन रहा था। 2021-22 के दौरान चावल का कुल उत्पादन रिकॉर्ड 12.79 करोड़ टन अनुमानित है।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी शुरू होने के बाद मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 में गरीबों को मुफ्त राशन देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की शुरुआत की थी। गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लाभार्थी को उसके सामान्य कोटे के अलावा प्रति व्यक्ति पांच किलो मुफ्त राशन दिया जाता है। यूक्रेन संकट के कारण बढ़ती महंगाई से गरीब वर्ग को राहत देने के लिए फिर आगे बढ़ाई गई पीएमजीकेएवाई के तहत इस साल अप्रैल से सितंबर 2022 तक 80 करोड़ जनता को मुफ्त में राशन देने से सरकार पर 80 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा। 

अब फिर देश का प्रचुर खाद्यान्न भंडार महंगाई नियंत्रण का आधार बन गया है। महंगाई की ऊंचाई अधिकांश देशों में भारत की तुलना में कई गुना अधिक है। जर्मनी, इटली, स्पेन सहित कई यूरोपीय देशों में खाद्य तेलों और आटे का स्टाक खत्म होते हुए दिखाई दे रहा है। लोग आवश्यकता से अधिक खरीदी कर रहे हैं। ऐसे में कई यूरोपीय देशों के सुपर मार्केट के तहत ग्राहकों को सीमित मात्रा में सामान बेचने का नियम लागू कर दिया गया है। इतना ही नहीं कई यूरोपीय देशों में उद्योग-कारोबार में गिरावट के कारण उद्योग-कारोबार से कर्मचारियों की छंटनी के संकेत उभरकर दिखाई दे रहे हैं।

यह कोई छोटी बात नहीं है कि 14 अप्रैल को यूक्रेन और रूस से गेहूं का सर्वाधिक आयात करने वाले देश मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी है। मिस्र ने भारत से 10 लाख टन गेहूं का आयात करना सुनिश्चित किया है। भारत ने यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों के नए गेहूं बाजार में भी प्रवेश किया है। 2020-21 में भारत से गेहूं का आयात करने वाले शीर्ष दस देशों में बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, यमन, अफगानिस्तान, कतर, इंडोनेशिया, ओमान और मलेशिया हैं।

Web Title: Comfortable scenario of double benefit of food abundance

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